सीरियाई लड़ाकों को उतारेगा रूस, यूक्रेन में हमला तेज करने की तैयारी में
10 दिन से अधिक से रूस ने यूक्रेन पर हमला करना जारी रखा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रूस को जितनी जल्दी यूक्रेनी शहरों पर नियंत्रण का अंदाजा था, अब तक वैसा नहीं हो सका है। यही कारण है कि अब रूस यूक्रेनी शहरों पर कब्जे के लिए विदेशी लड़ाकों को यूक्रेन में उतारने की तैयारी कर रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट बताती है कि रूस सीरिया से लड़ाकों की भर्ती कर रहा है। मॉस्को इन लड़ाकों की शहरी युद्ध में विशेज्ञता को देखते हुए कीव सहित यूक्रेन के महत्वपूर्ण शहरों पर नियंत्रण के लिए इनकी मदद लेने को तैयार है। सीरियाई लड़ाके करीब एक दशक से शहरी युद्ध लड़ रहे हैं जबकि रूसी सैनिकों में इस कौशल सेट का अभाव है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने यह रिपोर्ट अमेरिकी एसेसमेंट के हवाले से दी है। हालांकि कई रक्षा और दुनियावी मसलों के एक्सपर्ट्स ने भी यह बात कही है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी सेना से इतर लड़ाकों को ‘अंतररष्ट्रीय सेना’ के तौर पर बताया है। वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर में राष्ट्रीय सुरक्षा साथी जेनिफर कैफेरेला ने बताया है कि यूक्रेन में रूस के अलावा किसी और देश की सेना या लड़ाके के होने से हालात और बदतर हो सकते हैं। बता दें कि चेचन नेता और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी रमजान कादिरोव का हवाला देते हुए रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चेचन बलों को भी यूक्रेन में तैनात किया गया है।
वाशिंगटन में मध्य पूर्व संस्थान के सीरिया विशेषज्ञ चार्ल्स लिस्टर ने कहा कि सीरियाई लोगों को यूक्रेन में लाना चंद्रमा पर लड़ने के लिए मंगल ग्रह के लोगों को लाने जैसा है। वे वहां की भाषा नहीं बोलते हैं। उन्हें वहां की भूगोल का अंदाजा नहीं है। सीरिया और यूक्रेन का वातावरण बिल्कुल अलग है।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण पर रूस का साथ दिया है। उन्होंने हाल ही में कहा था कि पुतिन इतिहास को सही कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से अमेरिका असद को सीरिया की गद्दी से हटाना चाह रहा है लेकिन पुतिन की मदद से वह अब तक सत्ता में बने हुए हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यही कारण है कि सीरिया रूस के पाले में नजर आ रहा है।