लॉकडाउन के दौरान काम छिन जाने से तंग युवक ने पत्नी की हथौड़ा मारकर हत्या कर दी और फिर फांसी लगाकर जान दे दी।घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद गृहक्लेश को हत्या का कारण बताया। वहीं, मृतक की बेटियों का कहना था कि पिता खेती-किसानी करते थे। कम जोत होने के कारण गुजर बसर नहीं होता था इसलिए मजदूरी भी करते थे। लॉकडाउन होने से इन दिनों कोई काम नहीं मिल रहा था। इसलिए घर में झगड़े बढ़ गए थे।
लखन कुशवाहा मऊरानीपुर (झांसी) के गांव खिलारा में पत्नी राजकुमारी और 6 बेटियों के साथ रहता था। आर्थिक स्थिति ठीक न होने और गृह कलह से वह मानसिक रूप से परेशान था। लॉकडाउन की वजह से खाने तक के लाले पड़ गए थे। शनिवार को लखन का पत्नी से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। इसपर उसने गुस्से में आकर पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद कमरे में जाकर फांसी लगा ली। बेटियां जब तक कुछ समझ पातीं दोनों की मौत हो चुकी थी। चीख-पुकार सुनकर जुटे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। थाना पुलिस का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता था। काम धंधा न होने से लखन मानसिक तनाव में था।
रोजगार छीना तो चल पड़े 1100 किलोमीटर लम्बी यात्रा पर
नेपाल के चंद्रौटा में एक आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करने वाले युवक बेराजगार हुए तो राजस्थान तक की 1100 किमी की पैदल यात्रा पर निकल पड़े। 25 से 30 साल उम्र के तीन युवक राजू, महावीर, किशन पीठ पर एक बैग टांगे बलरामपुर की ओर आगे बढ़ रहे थे। राजू ने बताया कि वह लोग राजस्थान के भीलवाड़ा के निवासी हैं जो यहां से लगभग 11 सौ किमी दूर है। नेपाल के चंद्रौटा स्थित में एक आइस्क्रीम बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करते थे।