राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घटते कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 7 फरवरी से फिर से खुलेंगे। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया। स्कूलों को चरणबद्ध ढंग से खोलने का फैसला लिया गया है। पहले 7 फरवरी से 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। नर्सरी से 8वीं तक की कक्षा के लिए स्कूल 14 फरवरी से खुलेंगे। स्कूलों में कोविड-19 गाइडलाइंस का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जिन शिक्षकों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें स्कूल आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उच्च शैक्षणिक संस्थान में कक्षाएं पूरी तरह फिजिकल मोड में चलेंगी।
पाबंदियों में अन्य ढील
– नाइट कर्फ्यू अभी जारी रहेगा, लेकिन उसकी अवधि में एक घंटे की कमी की गई है। अब रात 10 बजे के बजाय 11 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा।
– डीडीएमए ने दिल्ली में ऑफिसों में शत-प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने की अनुमति भी दे दी है।
दिल्ली में गुरुवार को कोरोना के 2668 नए मामले सामने आए। कोरोना संक्रमण की दर भी घटकर 4.3 फीसदी हो गई है। एक्टिव मरीजों की संख्या 13630 है।
पिछले सप्ताह हुई उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई डीडीएमए की बैठक में स्कूल कॉलेज खोलने पर फैसला नहीं हो सका था।
कुछ दिन पहले दिल्ली में कोरोना के कम होते मामलों के चलते उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों को फिर से खोले जाने के संकेत दिए थे। सिसोदिया ने कहा था कि डीडीएमए की बैठक में स्कूल खोलने की सिफारिश करेंगे। उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्ष में स्कूल बंद होने से न केवल बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ है, बल्कि उन पर मानसिक और भावनात्मक रूप से भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। बच्चों के पढ़ाई से दूरी को खत्म करने, सामाजिक, भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए स्कूल खोलना जरूरी हो गया है। ऑनलाइन पढ़ाई कभी भी ऑफलाइन की जगह नहीं ले सकती।
दिल्ली से पहले राजस्थान, हरियाणा, झारखंड, पुणे, बेंगलुरु, मध्य प्रदेश में स्कूल खुल चुके हैं।
11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह खुले, नौ में बंद: शिक्षा मंत्रालय
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा था कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुले हैं। वहीं, 16 राज्यों में उच्च कक्षाओं के लिए आंशिक रूप से स्कूल खुले हुए हैं और नौ राज्यों में अभी भी बंद हैं। देश भर के स्कूलों की स्थिति साझा करते हुए अधिकारियों ने कहा था कि सभी राज्यों में कम से कम 95 प्रतिशत शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का टीकाकरण किया जा चुका है, जबकि कुछ राज्यों ने स्कूलों में सभी कर्मचारियों का टीकाकरण पूरा हो चुका है। शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्वीटी चांगसन ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘व्यापक टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए, शिक्षा मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में राज्यों को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे और माता-पिता की सहमति मांगने का निर्णय राज्यों पर छोड़ दिया गया था।’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, संशोधित दिशानिर्देशों में उन सभाओं और कार्यक्रमों के बारे में बात की गई थी जो पहले स्कूलों में प्रतिबंधित थे। नए परामर्श के अनुसार, स्कूल संबंधित राज्य द्वारा जारी एसओपी के अनुसार और सभा आयोजित कर सकते हैं।’