उत्तर प्रदेश की लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला रोचक होता जा रहा है। समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा में आईं अपर्णा यादव को यहां से उतारने के कयास लग रहे थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। यही नहीं इसी सीट से भाजपा की प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक के लिए टिकट मांग रही थीं, लेकिन उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी। इन दोनों की बजाय भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है। दरअसल यह सीट ब्राह्मण बहुल मानी जाती है। इसलिए रीता बहुगुणा जोशी भी यहां से बेटे के लिए टिकट मांग रही थीं। अब खबर है कि सपा उनके बेटे मयंक जोशी को यहां से टिकट दे सकती है।
रीता बहुगुणा जोशी ने टिकट न मिलने की आशंका देखते हुए पहले ही बगावत के संकेत दिए थे। उनका कहना था कि पार्टी ने टिकट से इनकार कर दिया है और अब मयंक जोशी स्वतंत्र हैं कि उन्हें क्या करना है। सपा ने फिलहाल लखनऊ की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं, लेकिन अब वह टिकट बदल सकती है। पहले ही सपा लंबे वक्त भाजपा का इंतजार कर रही थी, लेकिन आखिर में टिकटों का ऐलान कर दिया था। अब भाजपा की नई लिस्ट आने के बाद सपा फिर से रणनीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। इसी के तहत मयंक जोशी को उतारने पर विचार चल रहा है। सपा ने इस सीट से 2017 में अपर्णा यादव को उतारा था, जो रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं। इस बार रीता बहुगुणा जोशी ने यहां से बेटे मयंक को उतारने के लिए भाजपा से मांग की थी। यहां तक कि उनका कहना था कि यदि परिवारवाद इसके आड़े आता है तो वह अपनी सांसदी से इस्तीफा देने को भी तैय़ार हैं। हालांकि भाजपा में उनकी बात नहीं सुनी गई और बृजेश पाठक को मौका दिया गया। दरअसल लखनऊ कैंट सीट को भाजपा के लिए मजबूत माना जाता रहा है। ऐसे में यहां टिकट के दावेदारों की हमेशा से लंबी कतार रही है।
सपा ने इस सीट से 2017 में अपर्णा यादव को उतारा था, जो रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं। इस बार रीता बहुगुणा जोशी ने यहां से बेटे मयंक को उतारने के लिए भाजपा से मांग की थी। यहां तक कि उनका कहना था कि यदि परिवारवाद इसके आड़े आता है तो वह अपनी सांसदी से इस्तीफा देने को भी तैय़ार हैं। हालांकि भाजपा में उनकी बात नहीं सुनी गई और बृजेश पाठक को मौका दिया गया। दरअसल लखनऊ कैंट सीट को भाजपा के लिए मजबूत माना जाता रहा है। ऐसे में यहां टिकट के दावेदारों की हमेशा से लंबी कतार रही है।