पंजाब के फिरोजपुर में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर विवाद को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि रैली में भीड़ कम थी और किरकिरी से बचने के लिए यह विवाद खड़ा किया गया। इस पर जवाब देते हुए भाजपा ने कहा है कि यदि वह रैली होती तो ऐसी ऐतिहासिक होती। यहां तक कि लोगों में रैली में जाने को लेकर इतना उत्साह था कि पंजाब के आसपास के चार राज्यों से करीब एक हजार अतिरिक्त बसें पार्टी को जुटानी पड़ी थीं। बता दें कि पांच जनवरी को फिरोजपुर में किसानों द्वारा मार्ग अवरुद्ध किए जाने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर करीब 20 मिनट तक रुका रहा था।
घटना के बाद प्रधानमंत्री पंजाब में रैली सहित अन्य कार्यक्रमों में भाग लिए बगैर ही लौट आए थे। केंद्र ने पंजाब की कांग्रेसनीत सरकार पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाया और इस संबंध में तत्काल रिपोर्ट देने को कहा था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सहित कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया था कि भीड़ न जुटने के कारण प्रधानमंत्री की रैली स्थगित करनी पड़ी थी और इसके लिए सुरक्षा चूक का बहाना बनाया जा रहा है। राजधानी स्थित भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शेखावत ने कहा, ‘पंजाब की हर विधानसभा सीट से हजारों की संख्या में लोग अपने घरों से निकले थे। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी नहीं देखा कि जब मौसम इतना खराब हो, बारिश हो रही हो और कोहरा हो, इसके बावजूद लोग स्वत: ही बसों में बैठे और हजारों की संख्या में बसें रवाना हुईं।’
हिमाचल, हरियाणा और जम्मू से मंगाई गई थीं बसें
उन्होंने कहा, ‘पंजाब में जितनी बसें उपलब्ध हो सकती थीं, की गईं, उसके अतिरिक्त हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान से और कुछ संख्या में जम्मू से भी उपलब्ध कराई गईं। इन चार प्रदेशों से हमें एक हजार खाली बसें जुटानी पड़ी थीं।’ शेखावत, पूर्व कांग्रेस विधायक अरविंद खन्ना, पंथ रत्न जत्थेदार गुरचरण सिंह तोहड़ा मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष कंवर सिंह तोहड़ा, शिरोमणि अकाली दल के नेता गुरदीप सिंह गोशा और अमृतसर के पूर्व पार्षद धर्मवीर सरीन के भाजपा में शामिल होने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पंजाब चुनाव के सह प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भाजपा महासचिव व पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उपस्थित थे।
खराब मौसम में भी लाखों लोग घरों से निकले थे
शेखावत ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद लाखों लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए अपने घरों से रवाना हुए थे। लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस, प्रशासन और सरकार की ‘मिलीभगत’ से न सिर्फ कार्यकर्ताओं को बल्कि प्रधानमंत्री को भी रोका। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शहीदों को नमन करने के लिए हुसैनीवला जाने से भी रोका गया और ऐसा करके हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं से भी पंजाब की जनता को वंचित किया गया।
उत्तर प्रदेश में लिखा जाने वाला था एक इतिहास
शेखावत ने कहा, ‘एक नया इतिहास सृजित होने वाला था। राजनीतिक क्षेत्र में पंजाब में आज तक जितनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र नहीं हुए थे, उससे अधिक संख्या में लोग एकत्र होने वाले थे। उस दिन वह इतिहास तो सृजित नहीं हुआ, लेकिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काला अध्याय जरूर लिखा गया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगाई गई।’ उन्होंने कहा कि इस घटना से आहत भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल कई गुना बढ़ा है तथा वह और अधिक दमखम से चुनाव में उतरने को तैयार हैं।