क्या आप ‘इंसोमनिया’ के साथ-साथ ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ से भी जूझ रहे हैं? अगर हां तो संभल जाइए। ‘यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल’ में छपे एक ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन में ‘इंसोमनिया’ और ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ के कॉकटेल यानी ‘कॉस्मिया’ को ज्यादा घातक करार दिया गया है। शोधकर्ताओं ने इसका सामना करने वाले लोगों में हृदयरोगों से मौत का खतरा कई गुना ज्यादा पाया है।
सबसे आम बीमारियां
विशेषज्ञों के मुताबिक ‘इंसोमनिया’ और ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ नींद से जुड़ी सबसे आम बीमारियां हैं। वैश्विक स्तर पर 10 से 30 फीसदी आबादी के इनके शिकार होने का अनुमान है। बड़ी संख्या में ऐसे पीड़ित भी मौजूद हैं, जिन्हें दोनों की शिकायत होती है।
क्या हैं प्रमुख लक्षण
-फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि ‘इंसोमनिया’ में व्यक्ति को सोने में दिक्कत, बार-बार नींद टूटने और जल्द आंख खुलने की शिकायत सताती है। वहीं, ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ में खर्राटे, गला चोक होने और सांस लेने में तकलीफ की समस्या आम है।
हाइपरटेंशन का जोखिम
डॉ. बेस्टियन लेचत के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने नींद की बीमारियों से जूझ रहे 5000 से अधिक मरीजों के स्वास्थ्य डाटा का विश्लेषण किया। इस दौरान ‘कॉस्मिया’ के शिकार लोगों में हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) का खतरा दोगुना मिला। उनमें हृदयरोगों की आशंका भी 70 फीसदी ज्यादा पाई गई।
असामयिक मौत का खतरा
कॉस्मिया’ से पीड़ित लोगों के वक्त से पहले मौत का शिकार होने का जोखिम भी 47 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है। चूंकि, ‘इंसोमनिया’ और ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ का कॉकटेल ज्यादा जानलेवा है, इसलिए एक का सामना कर रहे मरीज में दूसरे के लक्षणों पर भी गौर फरमाना जरूरी है।