अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिकी सेना चीन और रूस को लेकर किए गए तैनाती को और मजबूत करेगी। इसके साथ ही मिडिल ईस्ट में ईरान और जिहादी ग्रुप्स को रोकने के लिए पर्याप्त सेना तैनात रखेगी। अधिकारियों ने बताया है कि अमेरिका गुआम और ऑस्ट्रेलिया में मिलिट्री सुविधाओं का और विस्तार करेगा। अमेरिका, चीन को मुख्य रक्षा प्रतिद्वंद्वी के तौर पर अपना फोकस करेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका का यह कदम अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक नए रक्षा गठबंधन के गठन के मद्देनजर आया है जिसे AUKUS कहा जाता है। बताया जाता है कि यह गठबंधन बढ़ते चीन का मुकाबला करने के लिए है।
पेंटागन के एक टॉप पॉलिसी अधिकारी मारा कार्लिन ने बताया है कि अमेरिकी सेना के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र हिंद-प्रशांत है। इसके साथ ही अमेरिका यूरोप में रूसी आक्रमण के खिलाफ नाटो बलों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने में सक्षम बनाने पर काम कर रहा है। हालांकि मध्य पूर्व इराक और अफगानिस्तान में लंबे युद्ध के बाद भी यह क्षेत्र पेंटागन के लिए फोकस एरिया बना हुआ है।
कार्लिन ने बताया है कि वैश्विक जिम्मेदारियों के लिए हमें अपने मिडिल ईस्ट के पोस्चर में लगातार परिवर्तन करने की जरूरत है लेकिन हमारे पास हमेशा इस क्षेत्र में तेजी से बलों को तैनात करने की क्षमता है। हम गुआम, उत्तरी मारियाना द्वीप और ऑस्ट्रेलिया में हवाई अड्डे, फ्यूल और युद्ध सामग्री भंडारण सुविधाओं को अपग्रेड किया जाएगा।