किसी भी पोषण को सही-सही हासिल करने के लिए उसे खाने या पकाने का सही तरीका अपनाना ही काफी नहीं है। आपको यह भी समझना होगा कि आपको कब, क्या और कितना खरीदना है। सही और सजग खरीदारी आपके पोषण की जरूरत को पूरा करने में आपकी मदद करेगी, जैसे-
खरीदारी की हो प्लानिंग
जिस तरह हर एक काम के लिए आपकी एक प्लानिंग होती है, वैसे ही खरीदारी में भी इसकी बहुत जरूरत होती है। बेहतर होगा कि आप अपने भोजन पकाने की योजना को ध्यान में रखकर खरीदारी करें। साथ ही आपको अपनी आवश्यकताओं का आकलन भी कर लेना चाहिए। जैसे किसी में खून की कमी है, तो वह अपनी खरीदारी की लिस्ट में चुकंदर को शामिल करे। वहीं जिसे उच्च रक्तचाप की समस्या है, वह अपनी पोषण की टोकरी से मैदा, तेल आदि में कटौती कर ले। मतलब अपनी जरूरत के हिसाब से ही खरीदारी करें। आपका ऐसा करना न सिर्फ आपका समय बचाएगा, बल्कि आप बेवजह की शॉपिंग से भी बच पाएंगी।
ताजा खरीदें और ताजा खाएं
सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. भारती दीक्षित कहती हैं,‘जैसे-जैसे फल और सब्जियां बासी होती जाती हैं, उनका पोषण भी कम होता जाता है। जैसे ताजे पत्तागोभी में कैरोटीनॉयड होता है। जब तक वह हरा होता है, उसमें आयरन, कैरोटीन, फाइबर सरीखे तमाम पोषक तत्व होते हैं। बासी होने के साथ ही ऑक्सीडेशन के कारण इसमें प्राकृतिक रूप से पोषण कम होने लगता है। ऐसा सभी फलों और सब्जियों के साथ होता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप ताजा खरीदें और ताजा ही खाएं।’ साथ ही खानपान की चीजों की खरीदारी करने के लिए कभी भी भूखे पेट न जाएं। जब भूख लगी हो, उस वक्त हम अनावश्यक चीजें खरीद लेते हैं।
अपने दस्तरखान में फाइबर यानी रेशे वाली चीजों को ढेर सारी जगह दें। ये आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार साबित होते हैं। इसके लिए अपनी खरीदारी में सेम, हरी मटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, संतरा, सेब और तरबूज जैसे खाद्य पदार्थ को शामिल करें।चुनें सही पोषण
खरीदारी के वक्त उन चीजों को चुनें, जो आपको सर्वश्रेष्ठ पोषण देगा। पैक्ड जूस और फ्रोजन फूड से दूरी रखें। जूस की जगह फल खाएं, क्योंकि इससे हमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिल जाता है। अगर जूस का विकल्प ही आपको भाता है, तो फ्रेश जूस लें। पैक्ड जूस में ढेर सारे प्रिजर्वेटिव्स और कृत्रिम शर्करा होते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाएगा।
मौसमी सब्जियों और फलों को अपनी थाली में जगह दें। डिप्स बनाने के लिए मायोनीज या क्रीम की जगह गाढ़े दही का इस्तेमाल करें। आप अपनी खरीद की लिस्ट में क्रम भी निर्धारित करें, जिसमें सबसे ज्यादा मात्रा में फल और सब्जियां आती हैं, फिर बारी आती है अनाज की। अगर आप मांसाहारी हैं, तो उसके बाद मांसाहार व अंडे को रखें, फिर मेवे और मिठाई को।
प्रोसेस्ड डेयरी प्रोडक्ट से भी दूर रहें। प्रोसेस्ड पनीर आपकी दैनिक पोषण संबंधी जरूरतों में कुछ नहीं जोड़ता है। मक्खन व क्रीम में पूरे दूध की तुलना में अधिक संतृप्त वसा होती है। इसके बजाय टोफू या कम वसा वाले पनीर लें।
इन बातों का रखें ख्याल
-क्या आप वसा रहित खाद्य पदार्थ को तरजीह देती हैं? ध्यान रखें कि वसा हमें हमेशा नुकसान नहीं पहुंचाती। अध्ययन भी कहते हैं कि वसा दुश्मन नहीं है। इसलिए वसा रहित खाद्य पदार्थों को चुनते वक्त ध्यान रखें कि ऐसे खाद्य पदार्थों में वसा को हटाने से खोए हुए स्वाद की भरपाई करने की जरूरत पड़ सकती है। तो इस ओर गौर करें कि स्वाद में इजाफा करने के लिए आप उसमें अधिक चीनी और नमक तो नहीं मिलातीं।
-आपको जेहन में इस बात को भी रखना होगा कि कौन-सी चीज कोलेस्ट्रॉल फ्री हो सकती है और कौन-सी नहीं। कोलेस्ट्रॉल केवल पशु उत्पादों में पाया जाता है और इसे पूरी तरह से हटाया नहीं जा सकता। यानी सभी डेयरी उत्पादों में कोलेस्ट्रॉल होगा, जबकि फलों, अनाज व सब्जियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है।
-शुगर-फ्री उत्पाद खरीदने के लिए हमारे हाथ बढ़ जाते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि इनमें साधारण चीनी जैसे सोर्बिटोल, जाइलिटोल और मैनिटोल के बजाय कृत्रिम शर्करा का प्रयोग होता है। जो आपको एक मीठा स्वाद प्रदान करती है, लेकिन शरीर द्वारा अवशोषित नहीं होती है। ऐसे में आप ऐसा शुगर फ्री उत्पाद चुन सकती हैं, जिसमें मिठास के लिए शहद, गन्ने का जूस, खजूर का जूस व स्टीविया आदि प्रयोग हुआ हो।
– प्राकृतिक खाद्य को तरजीह देना यकीनन फायदे का सौदा है। पर, आपको इस बात को जेहन में रखना है कि हमारे देश में इसके लिए कोई सरकारी नियम नहीं है। हम बस इतना समझते हैं, जिसमें कीटनाशक या कोई एंटीबायोटिक नहीं है, वह प्राकृतिक है। ऐसे उत्पादों को खरीदते वक्त उसकी पैकिंग को ध्यान से पढ़ें।
यह भी है जरूरी
-ऐसी ब्रेड या बेकरी उत्पादों को खरीदें, जो पूरी तरह से गेहूं से बने हों।
-मीट और सीफूड खरीदते समय लीन मीट का चुनाव करें।
– मक्खन, स्प्रेड लेते वक्त ऐसे उत्पादों का चुनाव करें, जिनमें हाइड्रोजनीकृत तेल की मौजूदगी न हो।
-डेयरी उत्पाद खरीदते वक्त हमेशा टोन्ड उत्पादों को तरजीह दें।