अगले तीन दिनों में दिल्ली वालों को जहरीली हवा से मिल सकती है राहत, एक्यूआई में हुआ 32 अंकों का सुधार

राजधानी दिल्ली को प्रदूषण भरी जहरीली हवा से अगले तीन दिनों के बीच राहत मिलने के आसार कम हैं। केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में बना रहेगा। हवा की दिशा में बदलाव के चलते शनिवार के बाद थोड़ी राहत मिल सकती है।

रिकॉर्ड बारिश के चलते इस बार दिल्ली के लोगों ने सितंबर और अक्तूबर महीने में अपेक्षाकृत ज्यादा साफ-सुथरी हवा में सांस लिया था। लेकिन, नवंबर की शुरुआत के साथ ही हवा में प्रदूषण का जहर बढ़ गया। खासतौर पर दीपावली के बाद से लगातार ही हवा गंभीर या बेहद खराब श्रेणी बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 372 के अंक पर रहा। मंगलवार की रात हवा की थोड़ा तेज होने के चलते प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत मिली है। एक दिन पहले यानी मंगलवार को औसत सूचकांक 404 के अंक पर रहा था।

चौबीस घंटों के भीतर ही इसमें 32 अंकों का सुधार हुआ है। लेकिन, अभी भी यह बेहद गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। मौसम की किसी बड़ी गतिविधि के अभाव में फिलहाल वायु गुणवत्ता में बहुत ज्यादा सुधार की संभावना नहीं है। लेकिन, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम हवा के दबाव क्षेत्र के चलते शनिवार के बाद दिल्ली में भी हवा की दिशा में बदलाव होने की संभावना है।

फिलहाल हवा की दिशा उत्तरी पश्चिमी है। यह हवा अपने साथ पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलाई जा रही पराली का धुआं भी ला रही है। लेकिन, शनिवार के बाद से हवा की दिशा दक्षिणी पूर्वी हो सकती है। हवा की दिशा में इस बदलाव के चलते प्रदूषण के स्तर में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, हवा की गति कम होने के चलते हवा अभी पूरी तरह से साफ नहीं होगी। लेकिन, शनिवार के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर और बेहद खराब से सुधरकर खराब श्रेणी में पहुंच सकती है।

पराली की हिस्सेदारी घटी पर राहत नही 

राजधानी दिल्ली की हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी दो-तीन दिन पहले की तुलना में कम हुई है। सात नवंबर के दिन दिल्ली की हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी इस सीजन पीक पर यानी 48 फीसदी तक पहुंच गई थी। लेकिन, बाद में इसमें सुधार हुआ।

सफर के मुताबिक बुधवार के दिन दिल्ली की हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी 27 फीसदी तक रही। इस दौरान पराली जलाई जाने की पांच हजार 317 घटनाएं दर्ज की गई हैं। हालांकि, इस बात का भी अंदेशा है कि अगले दो दिनों के बीच पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ जाए।

राजधानी की हवा में मानकों से चार गुना ज्यादा प्रदूषण

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार की शाम चार बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा 386 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 की मात्रा 214 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 से और पीएम 2.5 की मात्रा 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इस अनुसार देखा जाए तो दिल्ली की हवा में अभी मानकों से लगभग चार गुना ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।

इस तरह से घटी पराली की हिस्सेदारी

5 नवंबर-36 फीसदी
6 नवंबर-41 फीसदी
7 नवंबर-48 फीसदी
8 नवंबर-30 फीसदी
9 नवंबर-27 फीसदी
10 नवंबर-27 फीसदी

बीते छह दिनों का वायु गुणवत्ता सूचकांक

5 नवंबर-462
6 नवंबर-437
7 नवंबर-428
8 नवंबर-390
9 नवंबर-404
10 नवंबर-372

इन पांच जगहों की हवा सबसे खराब

जहांगीरपुरी-423
आनंद विहार-444
लोधी रोड-406
अलीपुर-411
बवाना-400

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