कोरोना का कहर: क्या होता है लॉकडाउन, अगर भारत में हुआ तो क्या डरने की जरूरत है?

चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। भारत समेत दुनिया के करीब 160 से अधिक देश कोरोना वायारस से फैली कोविड-19 महामारी से दहशत में हैं, क्योंकि अब तक इस वायरस का इलाज नहीं मिल पाया है। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के कई देश लॉकडाउन हो चुके हैं या फिर वहां लॉकडाउन जैसे हालात हैं। भारत में भी कई राज्यों ने लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। भारत में राजस्थान, ओडिशा, पंजाब ने पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक के कुछ बड़े शहरों को बंद कर दिया गया है।

यहां आपको स्पष्ट कर दें कि लॉकडाउन शब्द से डरने की किसी को भी जरूरत नहीं है। भारत के शहरों को अगर बंद किया जा रहा है तो इससे यहां के किसी भी नागरिकों को नुकसान नहीं है, बल्कि सरकार आपकी और हमारी खतरनाक कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए ही ऐसा कर रही है। लॉकडाउन इसलिए किया जा रहा है ताकि लोग घरों से बाहर न निकले (जरूरी चीजों को छोड़कर) और कोरोना वायरस का प्रसार न हो सके। कोरोना कितना भयवाह है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत में अब तक इससे 6 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं दुनिया भर में 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कोरोना वायरस के भारत में 341 मामले सामने आ चुके हैं और वैश्विक आंकड़ा पौने तीन लाख के करीब है। 

जिस तरह से भारत में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है और जैसे-जैसे राज्यों की सरकारें अपने-अपने सूबों और शहरों को पूरी तरह से बंद कर रही है, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार कोरोना से अपने देशवासियों को बचाने के लिए पूरे देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है। अगर ऐसा होता भी है तो यह देशहित में होगा और किसी तरह का प्रशासनिक दबाव नहीं होगा। यह एक तरह से नैतिक दबाव होता है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जाए। 

लॉकडाउन का क्या है मतलब
किसी शहर को लॉकडाउन करने का मतलब होता है कि इस दौरान कोई भी शख्स घर से बाहर नहीं निकल सकता है। हालांकि, इसके अपवाद भी हैं। मसलन, दवा, बैंक, अस्पताल और राशन-पानी की जरूरत के लिए घर से बाहर निकलने की छूट मिलती है। लॉकडाउन एक तरह से आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी शहर या इलाके में लॉकडाउन की घोषणा होती है तो वहां के लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नहीं होती है। लॉकडाउन की स्थिति में किसी भी शख्स को जीवन जीने के लिए बुनियादी और आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की इजाजत होती है। लॉकडाउन में अगर किसी को राशन, दवा-पानी, सब्जी की जरूरत है तो वह बाहर जा सकता है या फिर बैंक-अस्पताल के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। 

कोरोना वायरस से कहां-कहां है लॉकडाउन 
अगर भारत की बात करें तो यहां देशभर में लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई है। फिलहाल इसे रोकने के लिए जनता कर्फ्यू की घोषणा की गई। भारत के राजस्थान, पंजाब, ओडिशा को पूरी तरह से लॉक़डाउन कर दिया गया है। महाराष्ट्र में भी चार और मध्यप्रदेश के करीब आठ शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है। वहीं गुजरात में भी कई शहरों को लॉकडाउन किया गया है। दुनियाभर में बात करें तो इस महामारी के कारण दुनिया के करीब 35 मुल्कों ने बंद (लॉकडाउन) किया है। सबसे पहले चीन ने वुहान शहर को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया। इटली, ब्रिटेन, स्पेन आदि देशों ने भी लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा, अमेरिका ने कैलिफोर्निया को लॉकडाउन कर दिया है। 

क्या लॉकडाउन से डरने की जरूरत है
अगर भारत में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरी तरह से लॉकडाउन का ऐलान किया भी जाता है तो हमें इससे जरा भी डरने की जरूरत नहीं है। लॉकडाउन की स्थित में बस आपको घर में ही रहना होगा। हालांकि, आप दैनिक यूज की चीजों मसलन राशन, दवा, पैसों के लिए घर से बाहर जा सकते हैं। मगर इस दौरान भी आपको भीड़ से बचना होगा। सरकार आपको सुरक्षित रखने के लिए ही यह फैसला लेगी ताकि कोरोना को जड़ से मिटाया जा सके।

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