बीते कुछ समय से ऐसी खबरें चल रही थीं कि केंद्र सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम स्कीम (एनपीएस) के योगदान में बदलाव कर सकती है। हालांकि, सरकार एनपीएस के योगदान में किसी भी तरह के संशोधन पर विचार नहीं कर रही है। इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय का स्पष्टीकरण आया है।
क्या है मामला: दरअसल, लोकसभा में ये सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार विभिन्न मंत्रालयों के तहत स्वायत्त केंद्रीय निकायों में तैनात कर्मचारियों के लिए एनपीएस योगदान में संशोधन पर विचार कर रही है। इसी के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और ना ही विचार हो रहा है।
केंद्रीय कर्मचारियों को 14 फीसदी: आपको बता दें कि 1 जनवरी 2004 से केंद्र सरकार की सेवा में आने वाले सभी नए लोगों के लिए नई पेंशन प्रणाली लागू है। इसके तहत केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के पेंशन में बेसिक सैलरी की 14 फीसदी का कंट्रीब्यूशन देती है। हालांकि, साल 2019 तक सरकार का ये योगदान 10 फीसदी था, जिसमें 4 फीसदी का इजाफा किया गया। बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका ऐलान किया था।
स्वायत्त निकायों के लिए: हालांकि, केंद्रीय स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों के लिए, मासिक एनपीएस योगदान अभी भी उनके बेसिक सैलरी के 10 फीसदी पर है। सरकार की ओर से योगदान में इजाफे के लिए कर्मचारियों के संगठन ने दिल्ली हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने भी ये माना कि स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के बराबर पेंशन नहीं दिया जा सकता है। बहरहाल, कर्मचारियों का पेंशन योगदान बढ़ाने के लिए संघर्ष जारी है।
आपको बता दें कि राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) और राज्य सरकारों/यूटी के संबंधित स्वायत्त निकायों के कर्मचारी भी एनपीएस में शामिल होने के पात्र हैं। इन कर्मचारियों को भी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी पेंशन मिलता है।