धनबाद में जज की मौत के मामले में कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया। इतना ही नहीं, जजों के मामले में शिकायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से नाराजगी भी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत पर स्वत: संज्ञान मामले में सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए कहा कि जांच एजेंसी बिल्कुल भी न्यायपालिका की मदद नहीं कर रही है। बता दें कि 28 जुलाई की सुबह जज उत्तम आनंद की मॉर्निंग वॉक के दौरान अज्ञात वाहन के चपेट में आने से मौत हो गई, मगर सीसीटीवी फुटेज सामने आऩे के बाद इसमें साजिश की आशंका जताई गई।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि जब हाई-प्रोफाइल लोगों के पक्ष में अनुकूल आदेश पारित नहीं किए जाते हैं तो ऐसी स्थिति में न्यायपालिका को बदनाम करने का एक नया चलन हो गया है। आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और सीबीआई न्यायपालिका की बिल्कुल भी मदद नहीं कर रहे हैं। जब जज शिकायत करते हैं, तो वे कोई जवाब नहीं देते।
इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों को धमकी दिए जाने की घटनाओं का उल्लेख किया और राज्यों से कहा कि वे न्यायिक अधिकारियों को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें। इसके अलावा, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को अगली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत की सहायता करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 9 अगस्त तय की।
बता दें कि दो दिन पहले ही सीबीआई ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की कथित हिट-एंड-रन घटना में हुई मौत के मामले की जांच का जिम्मा संभाला है। अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के लिए सीबीआई ने 20 सदस्यीय टीम का गठन किया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी को मामले की जांच का झारखंड सरकार का अनुरोध केंद्र सरकार के माध्यम से प्राप्त हुआ। सूत्रों ने बताया कि तय प्रक्रिया के तहत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में धनबाद पुलिस के समक्ष दर्ज प्राथमिकी अपने हाथ में ले ली है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गत शनिवार को धनबाद के न्यायाधीश 49 वर्षीय आनंद की वाहन की टक्कर से हुई मौत की जांच सीबीआई के हवाले करने का फैसला किया था। घटना के सामने आए सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि न्यायाधीश रणधीर वर्मा चौक के पास चौड़ी सड़क के किनारे टहल रहे हैं, तभी से पीछे आ रहे ऑटो रिक्शा ने सड़क खाली होने के बावजूद उन्हें टक्कर मारी और वहां से फरार हो गया। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने झारखंड उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया था कि उसे एक दिन पहले राज्य सरकार से मामले की जांच संभालने हेतु पत्र मिला है। मुख्य न्यायाधीश डॉ.रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की पीठ ने सीबीआई को मामले की जांच यथाशीघ्र करने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार को मामले से जुड़े सभी दस्तावेज भी सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने भी 30 जुलाई को धनबाद के न्यायाधीश के ‘दुखद निधन पर स्वत: संज्ञान लिया था। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने झारखंड के मुख्य सचिव ओर पुलिस महानिदेशक से एक सप्ताह में मामले की जांच से संबंधित स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था।