श्रीगंगानगर के मुकाबले पटना में पेट्रोल 8.99 और लखनऊ में 14.27 रुपये सस्ता है

राजस्थान के श्रीगंगानगर में आज पेट्रोल 112 रुपये 90 पैसे प्रति लीटर पर पहुंच गया है, वहीं डीजल का भाव 103.15 रुपये प्रति लीटर है। देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल यहीं बिक रहे हैं। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश का अनूपपुर है, जहां आज एक लीटर पेट्रोल की कीमत 112.47 रुपये है तो डीजल 101.05 रुपये और तीसरे नंबर पर एमपी का ही रीवा शहर है। यहां भी पेट्रोल 112 रुपये के पार बिक रहा है।

अगर श्रीगंगानगर से अन्य शहरों की तुलना करें तो दिल्ली में  पेट्रोल यहां के मुकाबले 11 रुपये 36 पैसे सस्ता है तो चंडीगढ़ में यह अंतर 15 रुपये 26 पैसे का है। वहीं लखनऊ में पेट्रोल श्रीगंगानगर के मुकाबले 14.27 रुपये सस्ता है।

शहर का नाम पेट्रोल रुपये/लीटर श्रीगंगानगर की तुलना में पेट्रोल के रेट में अंतर रुपये में
श्रीगंगानगर 112.9 0
अनूपपुर 112.47 0.43
रीवा 112.11 0.79
इंदौर 109.97 2.14
परभणी 109.8 3.1
जयपुर 108.4 4.5
मुंबई 107.54 5.36
हैदराबाद 105.52 7.38
बेंगलुरु 104.94 7.96
पटना 103.91 8.99
चेन्नई 102.23 10.67
कोलकाता 101.74 11.16
नई दिल्ली 101.54 11.36
गुरुग्राम 99.17 13.73
नोएडा 98.73 14.17
लखनऊ 98.63 14.27
आगरा 98.32 14.58
चंडीगढ़ 97.64 15.26

स्रोत: आईओसी

बता दें पेट्रोल-डीजल के दाम में तीन की राहत के बाद आज फिर तेजी आई है। पेट्रोल जहां 35 पैसे महंगा हुआ है तो वहीं डीजल 15 पैसे। आज हुई इस बढ़ोतरी से पिछले 4 मई से अब तक पेट्रोल 11.14 रुपये तो डीजल 9.14 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद से ही तेल के दाम में आग लगी हुई है।

सबसे महंगा पेट्रोल श्रीगंगानगर में क्यों है

राजस्थान का श्रीगंगानगर देश का पहला जिला है, जहां पेट्रोल सबसे पहले 100 रुपये प्रति लीटर के पार हुआ था। एक तो राजस्थान में पेट्रोल और डीजल पर वैट की दर सबसे ऊंची है, वहीं दूसरा सबसे बड़ा कारण ट्रांसपोर्टेशन है। ट्रांसपोर्ट के खर्चे के वजह से पेट्रोले के दाम अन्य शहरों की तुलना में बहुत ज्यादा है।  दरअसल, पहले हनुमानगढ़ में डिपो था। यह सितंबर, 2011 में बंद हो गया है। इसके बाद से अब पेट्रोल जयपुर, जोधपुर, भरतपुर से पेट्रोल मंगाना पड़ता है और इससे ट्रांसपोर्ट का खर्चा बढ़ जाता है। इससे करीब 5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोल के दाम बढ़ जाते हैं। चूंकि यह पैसा कंपनी नहीं देती है, इसलिए इसे ग्राहकों से वसूला जाता है।

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