अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मास्क, गाउन और दस्ताने समेत जरूरी चिकित्सा सामान का आपात जखीरा समाप्त होने की कगार पर है। अमेरिका में कोरोना वायरस के संक्रमण से पांच हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और इससे 2,10,000 लोग संक्रमित हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से अपनी खबर में बुधवार को बताया कि संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (फेमा) ने 1.16 करोड़ से अधिक एन-95 मास्क, 52 लाख चेहरा ढकने के उपकरण, 2.2 करोड़ दस्ताने और 7,140 वेंटिलेटर दिए थे और यह भंडार अब समाप्ति की ओर है।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से खबर में कहा गया है कि व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का एक ”छोटा हिस्सा” था जिसे संघीय सरकार के आपात चिकित्सा कर्मियों के लिए बचाया जा रहा है। इसमें कहा गया है, ”संघीय सरकार ने मास्क, गाउन और दस्ताने जैसे सुरक्षात्मक चिकित्सा आपूर्ति के अपने आपात भंडार को लगभग खाली कर दिया है। राज्य के गवर्नरों द्वारा अस्पताल कर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरणों के लिए लगातार गुहार लगाई जा रही है।”
ट्रंप प्रशासन ने वेंटिलेटर सहित इन सामानों की आपूर्ति के लिए निजी क्षेत्र को भी शामिल किया है जो कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ”हमारे चिकित्सकों, नर्सों, और स्वास्थ्य कर्मियों को महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति करने, खरीदने, वितरित करने के लिए, मेरा प्रशासन अमेरिकी विनिर्माण, आपूर्ति संस्थाओं और हर उद्योग का सहयोग ले रहा है।”
उन्होंने कहा कि ओहायो के कार्डिनल हेल्थ ने रणनीतिक राष्ट्रीय भंडार में 22 लाख गाउन दान किए हैं। उन्होंने कहा, “ये आपूर्ति जल्द ही देश भर में वितरित की जाएगी। हमारे पास दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आने वाले बड़े कार्गो विमान हैं।” एक सवाल के जवाब में ट्रम्प ने कहा कि 11 कंपनियों की मदद से हजारों वेंटिलेटर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ”हम जल्द ही जरूरत से ज्यादा वेंटिलेटर रखने वाले हैं। हम हजारों वेंटिलेटर का निर्माण कर रहे हैं अभी आप जानते हैं कि उन्हें बनाने में एक समय लगता है और फिर यह तो किसी को नहीं पता था कि ऐसा हो सकता है। हम हजारों वेंटिलेटर का निर्माण कर रहे हैं।”
इस बीच कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश की मदद के लिए एक रूसी मालवाहक विमान वेंटिलेटर, मास्क और अन्य सुरक्षा उपकरणों समेत 60 टन चिकित्सा आपूर्ति को लेकर बुधवार को अमेरिका पहुंचा। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि एक अमेरिकी विमानवाहक पोत के लगभग तीन हजार नाविकों को शुक्रवार तक जहाज से बाहर ले जाएगा।
कम लागत वाले वेंटिलेटर बनाने के लिए भारतीय इंजीनियरों का उत्साह बढ़ाते हुए अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि यह आविष्कार सफल हो सकता है इसलिए बड़े पैमाने पर इन्हें बनाया जा सकता है। महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण घातक कोरोना वायरस से कई लोगों की जान बचा सकते हैं। दक्षिण और मध्य एशिया के कार्यवाहक सहायक सचिव एलिस जी वेल्स ने ट्वीट किया, ”हम भारतीय इंजीनियरों का उत्साह बढ़ा रहे हैं क्योंकि वे कम लागत वाले वेंटिलेटर बनाने की दौड़ में है।”