J&K के बाद अब 1 जुलाई को कारगिल और लद्दाख के नेताओं संग मंथन करेगा केंद्र

बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच बैठक हुई। वहीं अब केंद्र ने कारगिल और लद्दाख की पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करने की पहल की है। इसके तहत गृह मंत्रालय ने 1 जुलाई को कारगिल और लद्दाख के नेताओं और समाजसेवियों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि पीएम की बैठक में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से कोई प्रतिनिधि नहीं था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “यह उन बैठकों के क्रम में है जो मंत्रालय पिछले कुछ महीनों से लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ उनकी संस्कृति, भूमि और भाषा की सुरक्षा के बारे में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कर रहा है।” “इस संबंध में पहले लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई थी, लेकिन कारगिल के लोग एक अलग बैठक चाहते थे। उन्होंने कहा कि उनकी चिंताएं अलग हैं। बैठक में राजनेता और नागरिक समाज के सदस्य दोनों शामिल होंगे।”

सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से अपील की है कि लोगों को, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी अपेक्षाएं पूरी हों। सर्वदलीय बैठक में आठ दलों के 14 नेता शामिल हुए थे। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद मौजूद थे।

इस सर्वदलीय बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने आर्टिकल 370 की बहाली की मांग को छोड़ा नहीं है, मगर यह उम्मीद करना कि मौजूदा सरकार इसे बहाल करेगी, यह मुर्खता होगी।

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