पिता के निधन के बाद राजनीति में आए ज्योतिरादित्य, उनकी जन्मतिथि पर कांग्रेस से नाता तोड़ा

ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक करियर साल 2001 में उनके पिता माधव राव सिंधिया के असामयिक निधन के बाद शुरू हुआ और मंगलवार को पिता की जन्मतिथि के दिन ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़कर एक नए राजनीतिक सफर की शुरुआत की।

कांग्रेस पार्टी में कई लोगों के लिए 49 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया पुरानी पार्टी एक मॉडर्न चेहरे के तौर पर देखे जाते थे। सौम्य स्वभाव के, खासे पढ़े-लिखे, मुद्दों की स्पष्ट समझ रखने और धरातल से जुड़े नेता के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया माने जाते हैं।

माधवराव सिंधिया की असामयिक मौत के बाद एंट्री

विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते माधव राव सिंधिया के असामयिक निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजनीति में एंट्री करते हुए मध्य प्रदेश की गुणा संसदीय सीट से उप-चुनाव के लिए नामांकन भरा। जिवाजी राव सिंधिया (ग्वालियर राजघराने का आखिरी महाराजा) के पोते ज्योतिरादित्य ने अपने विपक्षी बीजेपी उम्मीदवार देशराज सिंह को 4 लाख 50 हजार वोटों के भारी अंतर से हराया था।

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