कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के देश में अब तक 40 मामले मिलने से चिंता बढ़ती दिख रही है। हालांकि, महाराष्ट्र में कोविड टास्क फोर्स का कहना है कि अभी इसे लेकर चिंता करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं मिल पाए हैं। महाराष्ट्र के कोविड-19 कार्य बल के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर चिंता करने के संबंध में पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड-19 संबंधी एहियातन दिशा निर्देशों का पालन करने, मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और टीका लगवाने की आवश्यकता है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को कहा था कि अत्यधिक संक्रामक माने जा रहे डेल्टा प्लस स्वरूप के 21 मामले अभी तक राज्य में पाए गए हैं जिनमें से नौ मामले रत्नागिरि, सात जलगांव, दो मुंबई और एक-एक मामला पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिलों में पाया गया। महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में भी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं।
डॉ. जोशी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘चिंता का स्वरूप, टीका और घबराहट। डेल्टा प्लस स्वरूप को लेकर चिंता करने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं है। हमें केवल इस बात की चिंता करनी चाहिए कि हम दो मास्क लगाकर, भीड़भाड़ से बचकर और टीका लगवाकर कोविड अनुकूल व्यवहार का सख्ती से पालन करते रहें। डेल्टा प्लस स्वरूप अज्ञात है और इसमें संक्रमण अधिक हो सकता है।’
यह नया स्वरूप डेल्टा प्लस भारत में सबसे पहले सामने आए डेल्टा या B.1.617.2 स्वरूप में उत्परिवर्तन से बना है। भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा स्वरूप भी था। कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है।