दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को नए अनलॉक प्लान का ऐलान करते हुए कहा कि राजधानी में सोमवार के आगे भी लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन काफी रियायत दी जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित बाजारों और मॉल्स को ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए खोला जा रहा है। वहीं स्टैंड अलोन दुकानें सातों दिन खुलेंगी। मॉल की दुकानों पर भी ऑड-ईवन लागू होगा।
इसके साथ ही निजी दफ्तर 50% क्षमता के साथ खोले जा सकते हैं। जरूरी सामान की दुकानें रोज खुलेंगी और दिल्ली मेट्रो भी 50% क्षमता के साथ शुरू की जा रही है। सरकारी दफ्तरों में ग्रुप ए के अधिकारी 100% और बाकी इसके नीचे वाले 50% अधिकारी ही काम करेंगे। जरूरी सेवाओं में लगे 100% कर्मचारी काम कर सकेंगे
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में करीब 400 केस आए हैं और पॉजिटिविटी रेट भी घटकर करीब 0.5% रह गया है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि स्थिति अब काफी नियंत्रित और इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बाजारों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ दिल्ली ने अपनी लड़ाई पूरी मजबूती के साथ लड़ी है, अब वक्त अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे फिर से पटरी पर लाने का है।
केजरीवाल ने कहा कि हम कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। बच्चों के संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए हमने पीडियाट्रिक टास्क फोर्स का गठन किया है। ये टास्क फोर्स बच्चों के इलाज की तैयारी देखेगी। वहीं कोरोना के नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए दिल्ली में दो जीनोम सीक्वेंसिंग लैब भी स्थापित की जाएंगी।
कोविड की संभावित तीसरी लहर की तैयारी पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि विशेषज्ञों के साथ बात करके ये तय किया गया है कि दिल्ली में थर्ड वेव में 37,000 केसों को पीक मानकर तैयारी शुरू की जाए। उसके हिसाब से कोविड बेड और आईसीयू बेड तैयार होंगे। 64 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे और उन्हें लगाने का काम शुरू हो चुका है। कोविड के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाओं का बफर स्टॉक भी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दिनों दिल्ली में ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो गई थी जिसे देखते हुए IGLको 150 टन का ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कहा गया है और दिल्ली में 420 मीट्रिक टन का ऑक्सीजन स्टोरेज किया जाएगा। 25 ऑक्सीजन टैंकर खरीदे जा रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि डॉक्टरों का एक टीम भी बनाई है जोकि वॉट्सऐप पर तेजी से फैलने वाली दवाओं के बारे में बताएगी कि वो दवाई कोरोना के इलाज के लिए सही है या नहीं।