भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने की प्रक्रिया काफी तेज गति से चल रही है। एलएसी के पास पैंगोंग लेक इलाके के उत्तरी एवं दक्षिणी छोर से सेनाओं के हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सेना के सूत्रों ने बुधवार देर शाम इस बात की पुष्टि की। हालांकि दोनों पक्षों की तरफ से अब सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, जो अगले दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी।
सेना के सूत्रों ने कहा कि झील के उत्तरी एवं दक्षिणी हिस्से से सेनाएं अब पूरी तरह से पीछे हट चुकी हैं। चीनी सेना फिंगर-8 की तरफ पहुंच चुकी हैं जबकि भारतीय सेना फिंगर-3 तक हट चुकी। विगत 10 फरवरी से सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जो तेजी के साथ पूरी हुई है। सेना ने सप्ताह के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद जताई थी। इससे पूर्व बुधवार को मैक्स टेक्नोलॉजी की तरफ से जारी उपग्रह चित्रों में भी पेंगोंग लेक के उत्तरी इलाका पूरी तरह से खाली दिख रहा है। यह चित्र मंगलवार को लिए गए थे।
मंगलवार को फिंगर पांच तक चीनी सेना हट चुकी थी। बहरहाल, बुधवार को पेंगोंग से सेनाओं की पूरी तरह से वापसी हो गई है। वहां अब सेनाएं करीब-करीब मई से पूर्व की स्थिति में आ चुकी हैं। दोनों देशों की तरफ से ड्रोन एवं उपग्रहों के जरिये सेनाओं के पीछे हटने की पुष्टि भी की जा चुकी है। एक दिन पहले ही सेना ने कई वीडियो और फोटो जारी किए थे, जिसमें चीनी सेना अपने द्वारा बनाए गए ढांचों को तोड़ते हुए दिखाई दे रही है। कुछ फोटो वापसी के भी हैं।
पैंगोंग लेक इलाके से सेनाओं के बटने के बाद सेना अब तीन अन्य स्थानों- डेप्सांग, गोगरा और हॉट स्प्रिंग से टकराव खत्म करने और सेनाओं की पूर्ण वापसी और पेट्रोलिंग को लेकर रणनीति बनाने पर काम कर रही है। सेना के सूत्रों ने कहा कि इस महीने के आखिर में दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच दसवें दौर की वार्ता हो सकती है, जिसमें ये स्थान चर्चा का विषय होंगे।