विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को सीनेट में कहा कि पाकिस्तान भविष्य में अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए अमेरिका को अपने सैन्य अड्डे नहीं देगा और पाकिस्तान के अंदर ड्रोन हमलों की भी अनुमति नहीं देगा।
‘नहीं देंगे पाक में ड्रोन हमलों की अनुमति’
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्री ने अमेरिका को पाकिस्तान में बेस उपलब्ध कराने की खबरों को भी निराधार बताते हुए खारिज कर दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि प्रधान मंत्री इमरान खान कभी भी अमेरिका को अपना बेस नहीं देंगे और न ही पाकिस्तान के अंदर ड्रोन हमलों की अनुमति देंगे।
उन्होंने कहा, “मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पाकिस्तान सुरक्षित हाथों में है।” कुरैशी का ये बयान तब आया है जब अमेरिकी विदेश मंत्रालय पेंटागन के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिकी सेना को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति दी थी और जमीनी पहुंच दी थी ताकि वह अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति का समर्थन कर सके।
अफगानिस्तान के साथ बढ़ाएंगे शांति प्रक्रिया
पाकिस्तानी सीनेटरों की चिंता का जवाब देते हुए कुरैशी ने कहा कि हमें इस बात का डर है कि इस तरह की स्थिति अफगानिस्तान को फिर से 90 के दशक वाले हालातों में पहुंचा सकती है। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, कुरैशी ने तर्क दिया कि जैसा कि अमेरिका ने 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपने शेष सैनिकों को वापस लेने की योजना बनाई है, पाकिस्तान उस देश में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपनी भूमिका निभाता रहेगा।
अमेरिका का पाक को झटका
इधर, आतंक को पालने वाले पाकिस्तान को अमेरिका ने एक बार फिर करारा झटका दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर पेंटागन की ओर से सोमवार को कहा गया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने निलंबित कर दी थी वह अब भी निलंबित है। अमेरिका की ओर से यह बात ऐसे समय कही गई है जब हाल में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से बात की तथा अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जिनेवा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मुलाकात की है।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा सहायता अब भी निलंबित है। आगे इसमें कोई बदलाव होगा या नहीं इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता।
किर्बी से सवाल किया गया था कि इस विषय पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीति की अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने समीक्षा की है या नहीं? उनसे पूछा गया था कि क्या इसमें कोई परिवर्तन किया गया है या पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 में पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सुरक्षा सहायता निलंबित करते हुए कहा था कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका तथा उसकी ओर से मिलने वाले सहयोग को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।