झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल को अपने ही विधानसभा क्षेत्र के गांव में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। विकास कार्य नहीं होने से नाराज लोगों ने विधायक को खूब खरी खोटी सुनाई। लोगों ने यहां तक कह दिया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा। विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कर्णवाल ने लोगों को समझाने की नाकाम कोशिश की। दो दिन पहले गन्ना राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने भक्तोवाली स्थित पीएचसी पर आरटीपीसीआर जांच और टीकाकरण कैंप लगाने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नगर पंचायत झबरेड़ा सामुदायिक केंद्र पर बुधवार को कैंप लगाकर आरटीपीसीआर तथा रैपिड टेस्ट शुरू किए गए।
क्षेत्रीय विधायक देशराज कर्णवाल भक्तोवाली पीएचसी पर कोरोना जांच और 18 से 44 वर्ष आयु के व्यक्तियों के लिए आयोजित टीकाकरण कैंप का निरीक्षण करने पहुंचे। विधायक के स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने की खबर मिलते ही गांव के लोग स्वास्थ्य केंद्र पर एकत्र हो गए और विधायक को खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी। लोगों ने आरोप लगाया कि विधायक बनने के बाद उनके इलाके में कोई भी कार्य नहीं किया गया है। कोरोना के दौरान में भी गांव में स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर अब तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई। गुस्साए लोगों ने विधायक को कहा कि लोग सिर्फ विधायक पद की गरिमा को सम्मान दे रहे हैं। अगर वह गांव में वोट मांगने आए तो विरोध किया जाएगा। इस दौरान विधायक भी अपनी बात रखते रहे, लेकिन लोग बेहद गुस्से में थे। लोगों ने विधायक की बात को कोई तवज्जो नहीं दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया।
यह निंदनीय घटना है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भी घटना की जानकारी दे दी गई है। जो व्यक्ति अभद्र टिप्पणी कर रहा है वह पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और झबरेड़ा नगर पंचायत के चेयरमैन का निजी सचिव है। तीन दिन पहले ही उसके घर को सेनेटाइज भी किया गया। वैसे भी नाली की सफाई का जिम्मा नगर पंचायत या फिर ग्राम सभा का होता है। हालांकि संबंधित व्यक्ति ने अब माफी मांग ली है।
देशराज कर्णवाल, विधायक झबरेड़ा