ताउते तूफान की वजह से अरब सागर में चार दिन पहले डूबे बार्ज पी-305 पर मौजूद लोगों में से 38 अब भी लापता हैं और उन्हें खोजने के लिए घने अंधेरे के बीच सर्चलाइट की मदद से नौसेना का तलाश एवं बचाव अभियान रात भर चला। हालांकि और लोगों के जीवित बचे होने की संभावना गुरुवार तक क्षीण हो चुकी थी। गौरतलब है कि बार्ज पी-305 चक्रवाती तूफान ताउते के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर सोमवार को डूब गया था।
नौसेना ने गुरुवार को हेलीकॉप्टर तैनात किए और हवाई मार्ग से तलाश एवं बचाव अभियान चलाया। बार्ज पी-305 पर मौजूद रहे लोगों में से कम से कम 37 लोगों की मौत हो चुकी है, 38 लोग अब भी लापता हैं। बेहद खराब मौसम से जूझते हुए नौसेना के जवानों ने बार्ज पी305 पर मौजूद 261 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है, दो लोगों को ‘टगबोट’ वारप्रदा से बचाया गया है।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के पोत आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता बुधवार को लोगों के शव लेकर मुंबई पहुंचे। एक अधिकारी ने बताया कि अब लोगों के जीवित मिलने की संभावना बहुत ही कम है। मुंबई पुलिस जांच करेगी कि चक्रवात ताउते के बारे में चेतावनी जारी करने के बावजूद बजरा पी-305 उस क्षेत्र में क्यों रूका रहा? यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। पुलिस ने बजरे पर मौजूद लोगों में से जिनके शव बरामद हुए हैं, उनके सिलसिले में दुर्घटनावश मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की है।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि नौसेना का तलाश एवं बचाव अभियान आज चौथे दिन भी जारी है। नौसेना के पोत तथा विमान पी305 पर मौजूद रहे लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। यह बजरा सोमवार को मुंबई तट से 35 समुद्री मील की दूरी पर डूब गया था। उन्होंने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान में आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस ब्यास, आईएनएस बेतवा, आईएनएस तेग, पी-81 टोही विमान, चेतक, एएलएच और हेलीकॉप्टरों की मदद ली जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना का एक अन्य पोत आईएनएस तलवार गुजरात तट के निकट ‘ऑन सीन कॉर्डिनेटर है और सपोर्ट स्टेशन 3 (एसएस-3) तथा ड्रिल पोत सागर भूषण की मदद कर रहा है। ओएनजीसी के अन्य पोतों की मदद से इन्हें मुंबई तट तक सुरक्षित लाया गया है।