कोरोना की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह परेशान किया हुआ है। रोजाना लाखों लोग संक्रमित हो रहे हैं तो हजारों जानें जा रही हैं। इस सब के बीच वैक्सीन ही एकमात्र सहारा दिखाई पड़ता है। वहीं अगर वैक्सीन को लेकर लोगों में किसी प्रकार का डर बैठ जाए तो वो भी मुसीबत है। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के एक जिले में देखने को मिल रहा है। यहां की धनोरा तहसील के गांव गदचिरोली में लोग जागरुकता की कमी के चलते वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं।
नपुंसक हो जाने का डर
यहां 45 से अधिक उम्र के केवल 40 लोगों ने ही वैक्सीन ली है। यहां लोगों को लगता है कि वे वैक्सीन के बाद मर जाएंगे। वहीं कई बुजुर्गों का मानना है कि 18 से अधिक उम्र वाले अगर वैक्सीन लेंगे तो वे नपुंसक हो जाएंगे। आयुष कार्यकर्ता सदाशिव मंदावर ने कहा कि हम लोगों को जागरुक करने और समझाने की कोशिश कर रहे हैं हमने वैक्सीन ली और हम बिल्कुल ठीक हैं लेकिन उनका कहना है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोई और वैक्सीन दी जा रही है।
भारत में कोरोना वायरस के नए मामले भले ही 3 लाख के बेंचमार्क से नीचे आ गए हों, मगर खतरा अब भी बरकरार है। देश में कोरोना के नए केसों में बीते कुछ दिनों से गिरावट देखी जा रही है, मगर मौत के आंकड़े टेंशन पैदा कर रहे हैं, क्योंकि जब कोरोना पीक पर था, तब भी मौत के मामले इतने नहीं आ रहे थे। मंगलवार को देश में एक दिन में कोरोना से 4525 लोगों की मौतें हुई हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। जब देश में 6 मई को देश में कोरोना के सबसे अधिक मामले (4.14 लाख) आए थे, उस दिन कोरोना से 3920 लोग ही मरे थे। हालांकि, लगातार तीन दिनों से देश में कोरोना के नए मामले तीन लाख से नीचे आ रहे हैं।