नगर का प्रमुख त्योहार रंग महोत्सव जिसकी चर्चा शुरू होते ही शरीर मे रोमांच सा महसूस होता है। मन प्रफुल्लित हो जाता है। लगभग सत्तर सालों से नगर में शोभायात्रा निकाली जाती है। पूर्व में भीतर मोहम्मदी में श्री नर्मदेश्वर महादेव मंदिर निकट स्टेट बैंक से शोभायात्रा निकाली जाती थी जिसमे होरी गाने वाली लोक कलाकारों की टोली होती थी तथा हांथ ठेले पर ड्रम में रंग भरा होता था। जिससे पूरे नगर का भ्रमण करते हुए रंग खेला जाता था।
फिर धीरे धीरे शोभायात्रा का विस्तार हुआ और इसमें ब्रास बैंड, रंग के लिए बैलगाड़ी, झांकियां बनने लगीं। सन 1990 में युवा समाज सेवा समिति मोहम्मदी के माध्यम से शोभायात्रा को धीरे धीरे और भव्य रूप दिया गया और इसमें ब्रास बैंड, लिल्ली घोड़ी,रंग से भरी ट्रालियां, प्रेसर मशीन, डी जे, गुलाल मशीन, और सुंदर सुंदर झांकियां भी साथ मे चलने लगी। वर्तमान में शोभायात्रा की ख्याति दूर दूर तक है। इसके शुभारंभ में क्षेत्रीय विधायक, अध्यक्ष नगर पालिका, उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली, नगर के गणमान्य नागरिक गण उपस्थित होते हैं तथा शोभायात्रा में साथ में चलते हैं।
ऐसी होती है शोभायात्रा
शोभायात्रा के आगे ब्रास बैंड, डी जे,रंग की ट्रालियां, प्रेशर मशीन चलती हैं और उसके ठीक पीछे झांकियां चलती हैं। जिसपर नगर में कोई भी व्यक्ति रंग नही डालता है। जगह जगह शोभायात्रा का स्वागत होता है व सजे हुए पात्रों का पूजन व जलपान होता है। शोभायात्रा के नगर भ्रमण में शामिल सभी लोग एक दूसरे से बड़ी गर्मजोशी से गले मिलते हैं और एक दूसरे को होली की बधाई देते हैं।
एक महीने तक चलती हैं तैयारियां
रंग महोत्सव की तैयारियां लगभग एक माह पहले ही शुरू हो जाती सबसे पहले होलिका दहन स्थल पर होली की स्थापना की जाती है और उसके बाद तैयारियां शुरू हो जाती है। समिति के कार्यकर्ता पूरे नगर में भ्रमण करके सहयोग लेते हैं, नगर वासी उदार हृदय से सहयोग करते हैं, छोटे छोटे बच्चे होलिका दहन स्थल पर शाम को प्रतिदिन रंगोली बनाते हैं और पूजन करते हैं।
निकलती है शोभायात्रा, लगता है मेला
रंगमहोत्सव शोभायात्रा में सजने बाले बच्चों में बहुत उत्साह होता है। परंपरागत मनाए जाने वाले पर्व पर जो बच्चे कभी सजते थे आज उन बच्चों के बच्चे सज रहे हैं। बहुत से बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करके देश विदेश में सम्मानजनक नौकरी कर रहे हैं। सभी सोशल मीडिया के माध्यम से रंग महोत्सव से जुड़े रहते हैं। नगर में दूसरे दिन बाजार गंज से शोभायात्रा निकाली जाती है तथा तीसरे दिन पौराणिक देवीस्थान मंदिर पर होली मिलन का मेला लगता है। बृज की होली की बहुत चर्चा होती है परन्तु मोहम्मदी खीरी की होली का कुछ अलग ही उल्लास और आनंद है, एक बार जो मोहम्मदी की होली खेलता है वह पूरी जिंदगी इस उल्लास और आनंद को याद रखता है। समिति के अध्यक्ष अतुल रस्तोगी ने समस्त क्षेत्र वासियों से रंगमहोत्सव में शामिल होने का अनुरोध किया है।