असम में चुनावी नतीजों के बाद से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर ऊहापोह की स्थिति आज स्पष्ट हो जाएगी। असम का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका आधिकारिक ऐलान कुछ देर बाद विधायक दलों की बैठक में होगा। मगर अब तक की रेस में हेमंत हिमंत बिस्वा सरमा, सर्बानंद सोनोवाल से आगे चल रहे हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जो मंथन हुआ है, उसके हिसाब से भारतीय जनता पार्टी हेमंत बिस्वा सरमा को असम का अगला मुख्यमंत्री बना सकती है। वहीं, सर्बानंद सोनोवाल को बाद में दिल्ली लाया जा सकता है।
असम में बीते छह दिनों से नए मुख्यमंत्री को लेकर भाजपा नेतृत्व में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। इसका हल निकालने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हेमंत बिस्वा सरमा, को दिल्ली बुलाकर उनसे व्यापक चर्चा की है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के आवास पर लगभग तीन घंटे तक मुलाकातों का यह दौर चला। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष भी मौजूद रहे। संकेत है कि पार्टी ऐसे कोई संकेत नहीं देना चाहती है जिससे कि पार्टी में मतभेद या केंद्रीय नेतृत्व पर दबाब सामने आए। यही वजह है कि रविवार को गुवाहाटी में होने वाली विधायक दल की बैठक के बाद नए नेता की घोषणा की जाएगी।
इस मामले की जानकारी रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री के तौर पर आज दोपहर में हेमंत बिस्वा सरमा के नाम का ऐलान हो सकता है। बता दें कि असम में भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को 11 बजे से शुरू होगी, जिसमें राज्य के अगले मुख्यमंत्री का चुनाव होगा। एक सप्ताह पहले स्पष्ट बहुमत के साथ राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन ने जीत हासिल की थी।
यह बैठक दिन में 11 बजे शुरू होगी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा पार्टी महासचिव अरुण सिंह केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर भाजपा के असम प्रभारी बैजयंत पांडा भी मौजूद रहेंगे। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने विधायक दल की बैठक के इंतजाम के लिए शनिवार शाम विधानसभा का दौरा किया।
शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में सबसे पहले हेमंत विश्व सरमा को बुलाकर उनसे बात की। इसके बाद सर्बानंद सोनोवाल को बुलाया गया और उनसे बात की। इन दोनों नेताओं से अलग-अलग मुलाकातों के बाद भाजपा नेतृत्व ने आपस में चर्चा की और फिर दोनों नेताओं को एक साथ बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के सामने पार्टी ने पूरी बात रखी और नए नेता को लेकर सहमति बना ली गई है, लेकिन अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में निवर्तमान मुख्यमंत्री सोनोबाल के चेहरे को आगे नहीं किया गया था और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी थी।इसके पहले 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सर्बानंद सोनोवाल को अपना भावी मुख्यमंत्री घोषित किया था। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनको चेहरा नहीं बनाया गया था। तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि सत्ता में आने पर नेतृत्व परिवर्तन होगा।
हेमंत विश्व सरमा भी मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदारी करते रहे हैं। सूत्रों का पार्टी नेतृत्व ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहता है जिससे कि यह यह लगे कि नेतृत्व दबाब में फैसला कर रहा है। इसलिए इस बात की भी संभावना है यह कुछ समय के लिए सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाए रखा जाए। हालांकि विधायकों की राय देखने पर फैसला होने पर हेमंत का पलड़ा भारी माना जा रहा है। राज्य में 126 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के अपने साठ विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी दल असम गण परिषद के नौ और यूपीपीएल के छह विधायक चुने गए हैं। इस तरह राजग के साथ 75 विधायकों का समर्थन है।