दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 से बचाव का टीका लगाने के मामले पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर केन्द्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दिव्यांगजनों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने एवं उनके लिए विशेष प्रावधान किए जाने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल एवं न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दो दिव्यांग लोगों द्वारा दाखिल याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट में दायर याचिका में इन दिव्यांगों ने दलील दी है कि जिस तरह कोरोना का फैलाव हो रहा है और बड़ी संख्या में लोग इस वायरस का शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में दिव्यांगों के लिए यह समय एक बड़ी चुनौती के तौर पर सामने आया है, क्योंकि दिव्यांगों के लिए इस मुश्किल समय में किसी की मदद नहीं मिल पा रही है और शारीरिक अक्षमता के कारण वह अपनी देखभाल करने में असमर्थ हैं।
ऐसे में उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाना चाहिए, ताकि वह मुसीबत से बच सकें। उनका यह भी तर्क था कि भीड़ में जाकर अगर वह टीकाकरण कराएंगे तो उनके संक्रमित होने का भय है।
वकील सिद्धार्थ सीम एवं जॉएसी के जरिए दाखिल याचिका में उन्होंने दलील दी है कि कोविड-19 टीकाकरण में दिव्यांग लोगों को प्राथमिकता के लिए प्रावधान नहीं किया जाना ऐसे लोगों को तरजीह देने के लिए संविधान की भावना का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि वह कमजोर वर्ग की श्रेणी में आते हैं। सरकारों को उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान के निर्देश दिए जाने चाहिए, ताकि इस समय उन्हें इस वायरस से बचाया जा सके।