86 साल के केशरीनाथ त्रिपाठी बोले- मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोविड हार गया

86 साल की उम्र में दो महीने तक पीजीआई में कोरोना से संघर्ष के बाद 19 मार्च को ठीक होकर लौटे पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पं. केशरीनाथ त्रिपाठी का कहना है कि इस महामारी से लड़ाई में आत्मविश्वास सबसे जरूरी है। उन्होंने बताया कि 30 दिसंबर को पॉजिटिव होने पर होम क्वारंटीन हो गए थे।
एक जनवरी की भोर में तकरीबन 4 बजे शुगर लेवल डाउन होने पर उन्हें एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां जांच के बाद डॉक्टरों की सलाह पर उसी दिन पीजीआई लखनऊ में एडमिट कराया गया। बकौल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी-‘सबसे अच्छी बात यह थी कि पहले ही बीमारी का पता चल गया।

पीजीआई के डॉक्टरों ने बड़े लगन से, बहुत अच्छी तरह से देखभाल की। हम निदेशक प्रो. आरके धीमान और उनकी पूरी टीम के आभारी हैं, जिन्होंने इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसा-जैसा निर्देश हुआ, मैंने भी उसी हिसाब से काम किया। तो उसका फायदा भी हुआ। मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोरोना हार गया।
सबसे ऊपर ईश्वर की कृपा, डॉक्टर का लगनपूर्वक इलाज, उनके निर्देशों का पालन, खुद पर आत्मविश्वास, परिचितों व मित्रों की शुभकामनाओं का सामूहिक असर था कि मैं ठीक हो गया। नकारात्मक बातों का मनोवैज्ञानिक और शारीरिक असर होता है। नकारात्मक समाचार मन में भय पैदा कर देते हैं, मेरी कई लोगों से बात हुई जो डर गए।

पॉजिटिव होने वालों के परिवार के लोग ऐसे इकट्ठे हो जाते हैं जैसे अंतिम समय आ गया। नकारात्मक बातों से दूर रहें और सकारात्मक दृष्टि रखें। रिकवरी की ताकत और इच्छाशक्ति बढ़ जाएगी। भय करिए लेकिन कोरोना से नहीं बदपरहेजी से, डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करिए। बचाव के लिए सबसे बेहतर है कि मास्क पहनें और इम्युनिटी बढ़ाएं। टेस्ट कराने में न घबराएं, पॉजिटिव हैं और टेस्ट कराने से इनकार कर दिया तो और नुकसान करेगा। जितना जल्दी हो वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *