झारखंड में कोरोना की एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर की कमी के मद्देनजर राज्य सरकार ने केंद्र से इसे बाहर से मंगाने की इजाजत मांगी है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि – झारखंड में गंभीर रोगियों के लिए रिमडेसिविर की बढ़ती मांग को लेकर बंग्लादेश की एक दवा कंपनी से संपर्क किया गया है। हमें आपातकालीन उपयोग के लिए रेमडेसिवर की लगभग 50,000 शीशियों खरीदनी हैं। मैंने (केंद्रीय मंत्री) डीवी सदानंद गौड़ा जी को आयात करने की अनुमति के लिए पत्र लिखा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ गंभीर कोविड मरीजों पर रेमडेसिवर को प्रभावी पाया गया है। इस दवा की बढ़ती मांग के चलते कई राज्यों में इसकी पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पा रही है। भारत पिछले कुछ दिनों से लगातार हर दिन कोविड के दो लाख से अधिक मामलों की रिपोर्ट सामने आ रही है। कई राज्य अस्पताल के बेड, चिकित्सा ऑक्सीजन और दवाओं खासकर रेमेडिसविर की कमी से जूझ रहे हैं।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, केंद्र ने रेमडेसिविर के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया। एक आदेश में, सरकार ने कहा था कि देश में महामारी की स्थिति स्थिर नहीं हो जाने तक इस दवा को कहीं एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा।
15 दिनों में रेमडेसिवीर का होगा डबल उत्पादन
हालांकि, हाल ही में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि एंटी वायरल दवा रेमडेसिविर की कमी को देखते हुए अगले 15 दिनों में इसका उत्पादन दोगुना कर दिया जाएगा। मांडविया ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश में कहा ड“भारत सरकार देश में रेमेडिसविर इंजेक्शन के उत्पादन को बढ़ाने और कम कीमत पर उपलब्ध कराने के सभी प्रयास कर रही है। वर्तमान में, रेमेडिसवीर की प्रतिदिन 150,000 शीशियों का उत्पादन प्रति दिन किया जा रहा है और, अगले 15 दिनों में, उत्पादन को दोगुना करके 300,000 शीशियां प्रत्येक दिन किया जाएगा ”।