दिल्ली की जिला अदालतों में मुद्दइयों व बाहरी लोागें की आने की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की कवायद शुरु हो गई है। प्रवेश द्वार पर जांच के नियमों को सख्त किया जा रहा है। इसी कड़ी में अदालतकर्मियो को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह जांच का हिस्सा बनें। सातों जिला अदालतों क्रमश तीस हजारी, पटियाला हाउस, कड़कड़डूमा, रोहिणी, साकेत, द्वारका एवं राउज एवेन्यू अदालत के कर्मचारियों को कहा गया है कि वह अदालत में प्रवेश के समय सुरक्षा एजेंसियों को जांच में सहयोग करें।
अपना सामान स्कैनर से चेक कराएं। इसके अलावा अपना पहचानपत्र भी सुरक्षा एजेंसी को दिखाएं। इस बाबत सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से प्रशासनिक विभाग से आग्रह किया गया था कि कर्मचारियों को जांच में सहयोग के लिए कहा जाए। दरअसल इससे पहले लम्बे समय से अदालतों में मुद्दई व बाहरी लोगों के विशेष परिस्थिति में कम संख्या में अदालत में आ रहे थे। इसकी वजह से सुरक्षा एजेंसियों को अदालतकर्मियों की पहचान करने में दिक्कत नहीं होती थी। लेकिन अब चूंकि बहुत सारी अदालतों में प्रत्यक्ष सुनवाई शुरु हो गई है। इसलिए अदालत पहुंचने वालों में मुद्दई व बाहरी लोगों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में अदालतों की सुरक्षा को देखते हुए कर्मचारियों की जांच भी जरुरी हो गई है ताकि कोई बाहरी व्यक्ति अदालतकर्मियों की आड़ में अदालत में प्रवेश ना कर जाए। साथ ही कोविड-19 का खतरा भी अभी टला नहीं है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति की जांच इस दृष्टिकोण से भी जरुरी है।