भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच की पिच को लेकर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पांच दिनों तक चलने खेले जाने वाला टेस्ट मैच महज दो दिन में ही समाप्त हो गया। मैच के दूसरे दिन दो सत्रों में 17 विकेट गिरे। हालांकि इंग्लैंड कप्तान जो रूट, रोहित शर्मा ने पिच का बचाव किया है। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी पिच के विषय में बात करते हुए कहा था कि यह ऐसी पिच थी, जिसपर विकेट बचाकर खेलने की जरूरत थी। लेकिन लगातार हो रही आलोचनाओं को लेकर एक सवाल फिर उठ गया कि क्या यह पिच वाकई ‘खराब’ थी। आ इए जानते हैं क्या कहते हैं आईसीसी के नियम-
इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) एक ऐसी पिच को ‘बैड पिच’ करार देता है, जिसमें असीमित उछाल या फिर गेंद और बल्ले के बीच बराबरी का मुकाबला ना हो। हालांकि ऐसा कुछ भी अहमदाबाद की पिच में नहीं था। रोहित शर्मा ने पहली और दूसरी पारी में जमकर बल्लेबाजी की, जोकि दर्शाता है कि यह पिच उतनी भी खराब नहीं थी। जितनी इसकी आलोचना हो रही है। अगर पिच खराब दिया जाता है तो 12 महीनों तक उस पिच पर आयोजन से रोक लगा दिया जाता है।
या जा चुका है। दिसंबर 2009 में भारत और श्रीलंका के बीच वनडे मैच खेला जा रहा था। लेकिन अरुण जेटली स्टेडियम की पिच पर असीमित उछाल थी। जिसके बाद मैच को रोक दिया गया था। नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने इग्लैंड को 10 विकेटों से हराकर जोरदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने चार मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली है।