कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण 01 मार्च से शुरू होगा, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया जाएगा, जो किसी बीमारी से ग्रस्त हैं। तीसरे चरण का टीकाकरण अभियान सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी अस्पतालों के जरिए भी शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं, 1 मार्च से पैसे देकर भी टीका लगवाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को यह निर्णय लिया गया। बाद में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों के पास यह विकल्प होगा कि वे टीकाकरण के लिए निजी एवं सरकारी अस्पतालों का चयन कर सकें।
उन्होंने कहा कि दस हजार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों एवं 20 हजार निजी अस्पतालों में दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान चलेगा। जो लोग निजी अस्पतालों में टीका लगाना चाहेंगे, उन्हें इसके लिए शुल्क चुकाना होगा। यह शुल्क कितना होगा, इसे सरकार अगले तीन-चार दिनों में तय करेगी। इसके लिए टीका निर्माता, अस्पतालों से बातचीत कर निर्णय लिया जाएगा। जबकि सरकारी केंद्रों में टीका नि:शुल्क लगाया जाएगा। यानी जिनके पास क्षमता है वे पैसे देकर प्राइवेट अस्पतालों से वैक्सीन लगवा सकते हैं।
इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र के किन बीमारियों के लोगों को कोरोना टीका लगाया जाएगा, इसके लिए भी जल्द ही बीमारियों की एक सूची जारी की जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से देश में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था। 02 फरवरी से दूसरे चरण की शुरुआत की गई, जिसमें अंग्रिम पंक्ति के कार्मिकों का टीकाकरण आरंभ किया गया। पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए, जबकि दो करोड़ अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता थे। तीसरे चरण में जिन लोगों को टीका लग रहा है, उनकी संख्या 27 करोड़ होने का अनुमान है।
मंत्री पैसे देकर टीके लगवाएंगे
यह पूछने पर कि मंत्री सरकारी अस्पताल में टीके लगाएंगे, इसके जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मंत्री पैसे देकर टीके लगवाएंगे।
अब तक टीकाकरण
देश में अब तक 1.21 करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं। 65 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को पहला टीका, 14 लाख को टीके की दोनों डोज, तथा 43 लाख अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को टीके की पहली डोज दी जा चुकी है।