दुनियाभर में रोजगार की स्थिति में 2030 तक काफी बदलाव आने की उम्मीद है। मैकेंजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में करीब 10 करोड़ लोगों को वर्ष 2030 तक अपने रोजगार को बदलना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन, फ्रांस, भारत, जर्मनी, स्पेन, यूके और यूएस में हर 16 में से एक कर्मचारी का इसे बदलाव से गुजरना पड़ेगा। मैकेंजी की गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि कम पढ़े-लिखे लोग, महिलाएं, अल्पसंख्यक और युवाओं पर इसका काफी ज्यादा असर होगा। इसका अर्थ यह होगा कि उच्च कौशल वाले रोजगारों की मांग बढ़ेगी और कम वेतन वाले रोजगारों की उपलब्धता में कमी आएगी।
भारत से अच्छी खबर
वहीं रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है। जनवरी 2021 में बेरोजगारी दर घटकर 6.5 फीसद पर आ गई है। जनवरी 2021 में देश में काफी ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। दिसंबर 2020 में देश में बेरोजगारी की दर 9.1 फीसदथी। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक महीने में करीब 1.20 करोड़ लोगों को देश में नौकरी मिली है। किसी एक महीने के दौरान रोजगार के आंकड़ों में यह सबसे बड़ा इजाफा है। वहीं, इस दौरान रोजगार की दर में बढ़ोतरी देखी गई है. यह दिसंबर के 36.9 फीसदके मुकाबले बढ़कर 37.9 फीसदहो गई है।
दिसंबर 2020 तक देश में नौकरी करने वालों कुल संख्या 38.88 करोड़ थी, जो जनवरी 2021 में बढ़कर 40.07 करोड़ पर पहुंच गई है। मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद से यह उच्चतम आंकड़े हैं। CMIE ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में रोजगार की संख्या लॉकडाउन के पहले से अभी भी कम है।