योग गुरु बाबा रामदेव ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों तथा राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में पिछले 40 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग को लेकर किए जा रहे आन्दोलन को समाप्त करने पर जोर देते हुये कहा कि छात्रों का काम प्रतिभा निखारना है।
स्वामी रामदेव ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आन्दोलन करना राजनीतिक दलों का काम है और हिंसा, अराजकता फैलाना और अन्दोलन करना छात्रों का काम नहीं हैं। छात्रों का कार्य प्रतिभा निखारना और चरित्र निर्माण करना है। छात्रों को देश के विकास में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए। योग गुरु ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और शहीद भगत सिंह की ‘आजादी’ के नारे तो ठीक हैं लेकिन जिन्ना की ‘आजादी’ के नारे देश के साथ धोखा एवं गद्दारी के समान है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बारबार स्पष्ट किया है कि यह नागरिकता छीनने का कानून नहीं है बल्कि पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ति होकर देश में आये अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नागरिकता को लेकर देश में भय का वातावरण बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस देश के मुसलमानों का उतना ही अधिकार है जितना अन्य लोगों का। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक, मजहबी लोग तथा विदेशी ताकतें देश में घृणा और विद्वेष पैदा करना चाहती हैं जो खतरनाक है। इससे दुनिया में देश की बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह देशभक्त मुसलमानों का सम्मान करते हैं लेकिन कुछ मुसलमान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की कब्र खोदने की बात कर रहे हैं। यह मुस्लिम समाज की विचारधारा नहीं है बल्कि कुछ सिरफिरे लोग ऐसा कर रहे हैं । इस्लाम के बड़े नेताओं को इसका विरोध करना चाहिए।