भारतीय-अमेरिकी ने गलत जानकारी देकर लिया एक करोड़ डॉलर का लोन, कोरोना के नाम पर किया था फर्जीवाड़ा

अमेरिका में एक भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर ने अपने कारोबार के बारे में गलत जानकारी देकर एक करोड़ डॉलर से अधिक का ऋण मांगने का अपराध स्वीकार किया है। उसने लघु कारोबारों की मदद के लिए शुरू किए गए एक कोरोना वायरस राहत कार्यक्रम के तहत इस ऋण का आवेदन किया था। न्याय मंत्रालय ने बताया कि शशांक राय (30) ने बैंक में गलत जानकारी देने का अपराध बृहस्पतिवार स्वीकार कर लिया।

राय पर 13 मई, 2020 पर ऑनलाइन धोखाधड़ी, बैंक धोखाधड़ी, वित्तीय संस्थान को गलत जानकारी देना और लघु कारोबार प्रशासन (एसबीए) को गलत जानकारी देने के आरोप लगाए गए थे।

राय ने स्वीकार किया कि उसने दो विभिन्न बैंकों से एसबीए के तहत माफ करने योग्य लाखों डॉलर के ऋण का अनुरोध किया था। उसने दावा किया था कि उसके कारोबार से 250 कर्मी वेतन कमा रहे हैं, जबकि इस कथित कारोबार में कोई कर्मी कार्यरत नहीं था।राय ने पेचैक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) के जरिए कोविड-19 राहत के लिए एसबीए द्वारा दी गई गारंटी के तहत दो अलग-अलग उधारदाताओं से ऋण हासिल करने के लिए दो झूठे दावे किए थे।

राय ने पहले उधारदाता को दी गई अर्जी में एक करोड़ डॉलर का पीपीपी ऋण मांगा था और झूठा दावा किया था कि उसके कारोबार में 250 कर्मी कार्यरत है, जिनका औसत मासिक वेतन 40 लाख डॉलर है।  उसने दूसरी अर्जी में करीब 30 लाख डॉलर का पीपीपी ऋण मांगा था और यह झूठा दावा किया था कि उसके कारोबार में 250 कर्मी कार्यरत है, जिनका औसत सामूहिक मासिक वेतन 12 लाख डॉलर है।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, टेक्सास कार्यबल आयोग ने जांचकर्ताओं को बताया कि राय या उसके कथित कारोबार ‘राय फैमिली एलएलसी द्वारा किसी कर्मी को भुगतान किए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।

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