कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर सड़क से संसद तक हंगामा जारी है। ऐसे में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर होने वाले पीएम मोदी के भाषण पर सबकी निगाहें टिकी हैं। लेकिन जिस तरह से लोकसभा में विपक्ष का प्रदर्शन, हंगामा जारी है और वह नरमी दिखाने को तैयार नहीं है, उससे लग रहा है कि भारत के संसदीय इतिहास में एक नई घटना देखने को मिलेगी। जी हां, ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सिर्फ राज्यसभा को संबोधित कर सकते हैं। पीएम मोदी सोमवार को 10.30 बजे राज्यसभा को संबोधित करेंगे।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर होने वाले बहस में प्रधानमंत्री लोकसभा में हिस्सा नहीं लेंगे। इससे पहले भी दो बार ऐसा हो चुका है। इससे पहले प्रधानमंत्रियों ने केवल दो बार-1999 और 2009 में निचले सदन (लोकसभा) में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस में भाग नहीं लिया है। हालांकि, दोनों ही मौकों पर उस वक्त के प्रधानमंत्री- पहले अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे मनमोहन सिंह ने भी राज्यसभा को संबोधित नहीं किया था।