फर्जी आधार कार्ड से क्रेडिट बनवाने वाले गैंग के दो और सदस्य दबोचे, बेघरों-नाबालिगों की उंगलियों की छाप लेकर करते थे फर्जीवाड़ा

फर्जी दस्तावेज के आधार पर क्रेडिट कार्ड लेकर 13 बैंकों को चपत लगाने वाले चार ठग दंपतियों की गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस गैंग के दो और बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में रोहिणी निवासी उमेश चंदर और बुराड़ी निवासी रवि सचदेवा शामिल हैं, जो बेघरों और नाबालिगों के उंगलियों की छाप (बायोमेट्रिक्स) का इस्तेमाल कर दूसरे नाम-पते से आधार कार्ड बनवाते थे। इन आधार कार्ड के आधार पर जाली पैन कार्ड और वोटर आई कार्ड भी तैयार हो जाते थे।

25 हजार रुपये लेते थे

फर्जी दस्तावेज पर लिए क्रेडिट कार्ड से खरीददारी करने वाले ठगों ने इन्हीं आरोपियों से कागजात लिए थे। गैंग में शामिल दंपति ने एक शख्स की फोटो देकर अलग-अलग कई आधार कार्ड बनाने को कहा। आधार कार्ड के लिए उंगलियों की छाप जरूरत थी, जिसके लिए उमेश ने बेघरों और नाबालिगों से उंगलियों की छाप ले लिए। इनके निशान लेकर फर्जी आधार कार्ड तैयार होने के बाद उसके आधार पर आरोपी पैन और वोटर कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कर एक सेट के 25 हजार रुपये तक वसूलते थे।

चार नवंबर को हुई गिरफ्तारी से मिला सुराग

ईओडब्ल्यू ने 4 नवंबर को रानीबाग इलाके से कंवल राज, उसकी पत्नी, दो बेटे अजय, मनीष और उनकी पत्नियों के अलावा अरुण शर्मा व उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया था। मनीष इस गैंग का सरगना है। ईओडब्ल्यू के ज्वॉइंट सीपी डॉ. ओपी मिश्रा के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला था कि पहचान पत्रों में एक ही शख्स की फोटो अलग-अलग हुलिए में लगाई गई थी। इन आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर इन्हें फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने वाले उमेश और रवि को भी पकड़ा गया।

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