ODI को बनाएं टेस्ट क्रिकेट, सचिन तेंदुलकर ने वनडे को बचाने के लिए ये क्या कह दिया

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इस समय तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज का पहला मैच हो चुका है. लेकिन इस दौरान एक बहस फिर सामने आ गई है और वो है वनडे प्रारूप के अस्तित्व की. टी20 की बढ़ती लोकप्रियता और फ्रेंचाइजी क्रिकेट के चलते वनडे प्रारूप पर खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने इस प्रारूप को बचाए रखने के लिए अपने एक पुराने आइडिया को दोहराया है. बता दें कि इसी साल भारत की मेजबानी में वनडे विश्व कप खेला जाना है।

वनडे प्रारूप को कई खिलाड़ी तवज्जो नहीं दे रहे हैं और इसी कारण इंग्लैंड की टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने वनडे से संन्यास ले लिया है. वहीं न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए राष्ट्रीय टीम के अनुबंध को दरकिनार कर दिया था।

वनडे हो गया बोरिंग

सचिन तेंदुलकर ने कुछ साल पहले वनडे में बदलाव को लेकर कुछ सुझाव दिए थे. उन्होंने 50 ओवरों के प्रारूप को टेस्ट की तरह एक टीम की दो पारियों में बांटने का सुझाव दिया था. सचिन ने इस बात को फिर दोहराया है. सचिन ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बात करते हुए कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि ये बोरिंग हो रहा है. मौजूदा प्रारूप जिसमें दो नई गेंदों का इस्तेमाल होता है. जब आप दो नई गेंद इस्तेमाल करते हैं तो आप रिवर्स स्विंग को खत्म कर देते हैं. हम मैच के 40वें ओवर में होते हैं तो भी लगता है कि हम 20वें ओवर में खेल रहे हैं. और गेंद 30वें ओवर से रिवर्स स्विंग करना शुरू करती है।

उन्होंने कहा, “आज रिवर्स स्विंग की कमी खलती है क्योंकि दो नई गेंदों का इस्तेमाल होता है. मौजूदा प्रारूप, मुझे लगता है कि गेंदबाजों के लिए ठीक नहीं है. आज के समय में मैच बहुत ज्यादा प्रिटिक्टेबल बन गया है. 15वें से 40वें ओवर तक मोमेंटम खो जाता है. ये बोरिंग हो गया है।

तीन बार मिलेगा ब्रेक

दुनिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन ने कहा है कि उन्होंने जो सुझाव दिया है वो कर्मिशियल तौर पर ज्यादा कारगार साबित होगा क्योंकि इसमें तीन ब्रेक होंगे. उन्होंने कहा, “दोनों टीमें पहले और दूसरे हाफ दोनों में गेंदबाजी करेंगी. कर्मिशियली भी ये काफी अच्छा साबित होगा और इसमें दो की जगह तीन पारियों का ब्रेक होगा।

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