उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के रहने वाले पूर्व डिप्टी एसपी धीरेंद्र कुमार राय माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई करते रहे हैं. प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद का नाम आने और उसके बाद हुई कार्रवाई को लेकर उन्होंने अपने दौर में माफिया अतीक अहमद जैसे लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की पूरी कहानी बताई.उन्होंने कहा कि पहले भी माफियाओं पर पूर्व की सरकारें कार्रवाई कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि बसपा सुप्रीमो मायावती बड़े-बड़े मंत्री और विधायक अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी पर पहले भी कार्रवाई कर चुके हैं।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे जांबाज पुलिस अधिकारी के बारे में जिन्होंने अपनी पूरी नौकरी के दौरान अपराधियों के हौसलों को पस्त करने का काम किया. आपको बता दें कि मऊ जनपद के कोपागंज थाना क्षेत्र के कसारा गांव के रहने वाले धीरेंद्र राय साल 2015 में सीओ के पद पर रहते हुए लखनऊ से रिटायर हुए थे. इस समय वह गांव में खेतों के बीच अपना छोटा सा घर बनाकर अपनी पत्नी के साथ रह रहे हैं. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 3 साल से ज्यादा समय तक प्रयागराज में भी नौकरी की थी और उन्होंने एक चर्चित हत्याकांड मामले में अतीक अहमद और उसके पिता को गिरफ्तार किया।
साल 1996 में अतीक अहमद और उसके पिता को किया था गिरफ्तार
धीरेंद्र राय ने बताया, साल 1996 में प्रयागराज के सिविल लाइन इलाके में अशोक साहू नामक युवक की अतीक अहमद के भाई ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड की जांच मुझे मिली. इस मामले में मैंने अतीक अहमद और उसके पिता को गिरफ्तार किया था और दोनों लोग जेल गए थे. बाद में मेरा तबादला सीबीआई में हो गया।
जब मैं इस केस की जांच कर रहा था, तो एक बार अतीक अहमद की तरफ से हमारे घर पर एक फोन आया और कहा गया कि मैं आपका शुभचिंतक हूं और अतीक अहमद के बारे में मैं आपको कुछ बताना चाहता हूं. उस समय रात के 1:30 बज रहे थे. लोगों द्वारा जिस दुकान से हमारा सामान आता था उस दुकान पर जाकर भी मेरे बेटे के बारे में पूछा गया था. मुझे मालूम हो गया था किन लोगों के द्वारा यह कार्य किया जा रहा है.पुलिस के अधिकारी भी इनसे मिले रहते थे।
मुख्तार और अतीक के बीच आज भी है अंडरस्टैंडिंग
धीरेंद्र राय ने कहा, पुलिस के अधिकारी भी इनसे मिले रहते थे. मुख्तार और अतीक यह दोनों आपस में इंटरकनेक्टेड हैं और इनकी आपस की अंडरस्टैंडिंग है. 22 जुलाई 2007 को चित्रकूट में ठोकिया नामक बदमाश के एनकाउंटर में मैं एसटीएफ की टीम को लीड कर रहा था और रास्ते में आते समय हम लोगों की गाड़ियों पर फायरिंग हुई और उसमें हमारे साथ कई लोग मारे गए थे. अतीक अहमद बहुत शातिर किस्म का अपराधी था और उसके कनेक्शन काफी थे।
गाने वाले का बेटा था अतीक अहमद, प्रयागराज में थी उसकी दहशत
अतीक अहमद गाने वाले का बेटा था और अपने प्रयागराज में पूरी दहशत फैला रखा था, जहां पर उसके दहशत से लोग बोलने और उसके ऊपर कोई आवाज उठाने से डरते थे, लेकिन पहली बार 1996 में उसे गिरफ्तार किया गया, अतीक एक बड़ा माफिया है जिसके आगे बड़े बड़े आईपीएस और बड़े बड़े मंत्रियों का हाथ रहता है।
अतीक मंत्रियों और खाकी-खादी सभी के संरक्षण में पला बढ़ा है. अब योगी सरकार में माफियाओं के ऊपर बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है लेकिन इसके पहले भी माफियाओं पर कुर्की की कार्रवाई होती थी. पहले पुलिस कार्रवाई कर संपत्ति को क्षतिग्रस्त कर अपने कब्जे में ले लेती थी. लेकिन अब बुलडोजर का खौफ जनता में चल रहा है. माफियाओं पर और अपराधियों पर इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई तो अपराधी मनमानी तरीके से जनता और लोगों की हत्याएं करते रहेंगे।
सरकार और ब्यूरोक्रेसी की सह से बचते रहे अतीक और मुख्तार जैसे माफिया
बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ सीबीआई जांच में उनसे पूछताछ और मायावती के ऊपर कार्रवाई को लेकर धीरेंद्र राय ने कहा कि तब माफिया मुख्तार अंसारी की कार्रवाई मेरे द्वारा शुरू की गई. जांच के बाद लगातार मुख्तार के ऊपर कार्रवाई हुई लेकिन कुछ अधिकारियों और सरकार की वजह से ये माफिया लोग बचते रहे. उन्होंने आगे कहा कि आज भी सरकार चाहे तो उनको गिरफ्तार करके बड़ी कार्रवाई कर सकती है, इस तरह के माफियाओं के ऊपर कार्रवाई होनी बहुत जरूरी है।