अदाणी मामले में हिंडनवर्ग की रिपोर्ट की जांच कराने की मांग पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को आड़े हाथों लिया है. कहा कि अदाणी पर हिंडनवर्ग की यह रिपोर्ट पूरे शोध के बाद तैयार कराई गई है. टीएमसी सांसद ने यह बयान हरीश साल्वे के उस इंटरव्यू के बाद दिया है, जिसमें साल्वे ने मामले की डिटेल में जांच कराने की मांग की थी. इस मामले को उन्होंने षड़यंत्र करार देते हुए कहा कि कई लोगों ने अदाणी के शेयरों को गिरा कर खूब धन कमाया है।
इससे पहले गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक आर्डर जारी किया है. इसमें सु्प्रीम कोर्ट ने एक एक्सपर्ट कमेटी गठित करने की बात कही है जो पड़ताल करेगी कि अदाणों के शेयरों में गिरावट की वजह नियमक संस्थाओं की विफलता तो नहीं. इस दौरान हिंडनवर्ग द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब ढूंढने के भी प्रयास किए जाएंगे।
इन सवालों में अदाणी को मार्केट को अपनी कंपनियों के पक्ष में गलत तरीके से नियंत्रित करने का आरोप है.इसी मामले में वकील हरीश साल्वे ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था. इमसें उन्होंने कहा था कि हिंडनवर्ग कोई भरोसेमंद संस्थान नहीं है. इसलिए एक्सपर्ट कमेटी को इस मामले की तह में जाना चाहिए. देखना चाहिए कि इससे किन लोगों ने खूब धन बनाया।
10 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान
बता दें कि हिंडनवर्ग की इस रिपोर्ट के बाद अदाणी एंटरप्राइजेज और इससे जुड़ी अन्य कंपनियों को दस बिलियन डॉलर या इससे भी अधिक का नुकसान हुआ है. हरीश साल्वे के बयान का काउंटर करते हुए महुआ मोइत्रा ने ट्वीटर पर कई पोस्ट किए. लिखा कि लंदन में बैठी बिल्ली के इशारे पर यह षड़यंत्र रचा गया है और हिंडनवर्ग इस षड़यंत्र में एक मोहरा है. इसका उद्देश्य भारत के मीडिल क्लास को नुकसान पहुंचाना है. उन्होंने लिखा कि ‘मिस्टर नागपुर वकीलसाब, आपको आपकी फीस अदाणी से मिल जाएगी. लेकिन इस बार हम्प्टी डम्प्टी को कोई नहीं बचा सकता, सर।
क्या कहा था साल्वे ने
पूर्व सालिसीटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा था कि इस मामले को नियामकों द्वारा बाजार में हेरफेर के रूप में देखा जाना चाहिए और ऐसे लोगों को प्रतिबंधित करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ऐसा करके हमें बाजार में एक नजीर पेश करनी चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच समिति गठित करने के फैसले का भी स्वागत किया था।