प्रयागराज के प्रतापपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के नेता विजमा यादव को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. 22 साल पुराने मामले में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विजमा यादव को दोषी करार दिया है. आरोप है कि प्रयागराज के सराय इनायत इलाके में पुलिस टीम पर विजय और उसके समर्थकों ने हमला कर दिया था. साल 2001 में हुए बवाल और आगजनी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने विजमा को दोषी करार दिया।
बता दें कि सपा नेता आजम खान, अब्दुल्ला आजम और खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी के बाद विजमा की विधानसभा सदस्यता भी खतरे में है. विजमा यादव को दो साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता भी रद्द हो सकती है. विजमा यादव सपा से चार बार की विधायक हैं।
क्या है 22 साल पुराना ये मामला
प्रयाग राज सराय इनायत थाने में तत्कालीन एसआई कृपाशंकर दीक्षित ने आईपीसी की धारा 147/148/149/ 307/341/332/353/504/506 सिविल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 2/3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में अभियुक्त श्याम बाबू के बेटे आनंद उर्फ छोटू की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. जिसके शव को लेकर सपा विधायक विजमा यादव ने सड़क पर जाम लगाया था. मौके पर पुलिस बल पहुंचा और लोगों को हटाने का प्रयास किया था. विजमा यादव पर आरोप है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने पुलिस पर हमला किया, इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई।
तत्कालीन एसआई कृपाशंकर दीक्षित ने दर्ज कराई थी एफआईआर
आरोप है कि सपा विधायक समर्थकों ने सड़क पर खड़ी गाड़ियों व अन्य वाहनों में तोड़फोड़ की. तब तत्कालीन एसआई कृपाशंकर दीक्षित की ओर से सराय इनायत थाने में सपा विधायक विजमा यादव के खिलाफ आईपीसी की उपर्युक्त तामाम धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई. अब 22 साल पुराने मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सपा विधायक विजमा यादव को दोषी करार दिया है।