कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले टीपू सुल्तान को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. कांग्रेस नेता सिद्दारमैया ने कर्नाटक सरकार में मंत्री सीएन अश्वथ नारायण के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने मंत्री पर ‘जान से मारने की धमकी’ देने का आरोप लगाया. सिद्दारमैया ने कहा कि ‘वह लोगों को उन्हें जान से मारने के लिए उकसा रहे हैं.’ उन्होंने सीएम बसवराज बोम्मई से मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने और उन्हें मंत्रिमंडल से तुरंत बाहर करने की मांग की. बीजेपी के मंत्री ने सिद्दारमैया को ‘टीपू सुल्तान का वंशज’ बताया था और कहा था कि उन्हें भी ‘टीपू सुल्तान के पास भेज देना चाहिए।
बोम्मई कैबिनेट में मंत्री सीएन अश्वथ नारायण ने एक बयान में कहा, “टीपू के वंशज सिद्दारमैया आएंगे…. लेकिन आप टीपू को चाहते हैं या सावरकर को? हमें टीपू सूल्तान को कहां भेज देना चाहिए? उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने क्या किया? ठीक उसी तरह से उन्हें (सिद्दारमैया) को भी वहां भेज देना चाहिए.” मैसूर में एक वर्ग मानता है कि टीपू सुल्तान को अंग्रेजों ने नहीं, बल्कि दो वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नांजे गौड़ा ने मारा था, जो इतिहासकारों के बीच विवादित रहा है।
कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने भी टीपू पर दिया विवादित बयान
टीपू सुल्तान को लेकर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने भी ‘विवादित’ बयान दिए हैं. राज्य में पार्टी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने उन लोगों को ‘जान से मारने’ की अपील की जो टीपू के समर्थक हैं. राज्य में पिछले दो साल से कांग्रेस पार्टी टीपू की जयंति को बड़े जोर-शोर से मना रही है. बीजेपी टीपू सुल्तान को एक ऐसा कट्टर शासक मानती है. जिसने कथित रूप से हजारों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन किया था।
टीपू के अनुयायी जिंदा नहीं रहने चाहिए
कोप्पल जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष कतील ने कहा कि ‘हम भगवान राम, भगवान हनुमान के फक्त हैं. हम उन्हीं की पूजा करते हैं, और हम टीपू के वंशज नहीं हैं. टीपू के वंशजों को वापस घर भेजना होगा.” कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने आगे कहा, “मैं यहां के लोगों से पूछता हूं कि क्या आप भगवान हनुमान की पूजा करते हैं या टीपू की. फिर क्या आप उन लोगों को जंगल भेजेंगे जो टीपू के कट्टर अनुयायी हैं? इस बारे में सोचें.” उन्होंने आगे कहा, “क्या आपको लगता है कि इस राज्य को भगवान हनुमान के भक्तों या टीपू के वंशजों की जरूरत है?” बीजेपी अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि “जो लोग टीपू के कट्टर अनुयायी हैं, उन्हें इस धरती पर जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मैंने लिया टीपू का नाम, क्या कर लोगे? – ओवैसी
बीजेपी अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, “मैं ले रहा हूं टीपू सुल्तान का नाम, देखता हूं आप क्या कर लोगे. क्या प्रधानमंत्री कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष के बयान से सहमत हैं? यह सीधे तौर पर हिंसा, हत्या और नरसंहार की अपील है. क्या कर्नाटक की बीजेपी सरकार इस तरह के बयान पर कार्रवाई करेगी? यह नफरती बयान है।