सांसदों की तनख़्वाह और पेंशन से जुड़े अधिनियम में भारत सरकार एक अहम बदलाव करने जा रही है जिसके बाद प्रधानमंत्री समेत सभी सांसदों की तनख़्वाह में 30 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी.
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई जिसके बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सांसदों की तनख्वाह में कटौती करने से संबंधित एक प्रस्ताव को कैबिनट ने मंज़ूरी दी है.
उन्होंने कहा कि बैठक में दो अहम फ़ैसले लिए गए हैं.
उनका कहना था, “पहला फ़ैसला ये कि नेताओं की तनख़्वाह और पेंशन से जुड़े ‘संसद सदस्य (वेतन, भत्ता और पेंशन) अधिनियम 1954’ में बदलाव किया जाएगा ताकि कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के साथ-साथ सभी सांसदों की तनख़्वाह में 30 फ़ीसदी कटौती की जाएगी.”
उन्होंने कहा, “ये कटौती 1 अप्रैल 2020 से लागू होगी और साल 2020-2021 के लिए होगी जिसका मतलब ये है कि इसके ज़रिए सांसदों की 12 महीनों की तनख़्वाह में कटौती की जाएगी. साथ ही उन्हें मिलने वाले भत्तों में भी कटौती की जाएगी.”