भारत के दो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और बांग्लादेश विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में बेहद ही पिछड़े हुए है. भारत की अर्थव्यवस्था का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. भारत इस मामले में दुनिया में पांचवें पायदान पर बना हुआ है. दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क अर्थव्यवस्था के मामले में बेहद पिछड़े हुए हैं. खासकर पाकिस्तान की बात करें तो वो अपनी नाकाम नीतियों और आतंक की वजह से बड़े ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
दूसरी तरफ 1971 तक पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाने वाला बांग्लादेश पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में बना हुआ है. सही मायनों में कहें तो आर्थिक मुश्किलों के बावजूद बांग्लादेश की जीडीपी पाकिस्तान से बेहतर बनी हुई है. और पाकिस्तान की तुलना में महंगाई भी बांग्लादेश में काफी कम रिकॉर्ड की गई है. बांग्लादेश का टका, अब पाकिस्तान के रुपये से मजबूत स्थिति में है।
जानकारों की मानें तो भारत-पाक युद्ध 1971 (Indo-Pak war 1971) में जब पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में अलग देश के रूप में अस्तित्व में आया था तो उस समय किसी को विश्वास नहीं था कि यह मुल्क आगे निकल जाएगा. आज पाकिस्तान रोटी को लेकर त्राहि-त्राहि कर रहा है और बांग्लादेश अच्छा खासा विदेशी मुद्रा भंडार लिए बैठा है. पाकिस्तान के पास यह भंडार मात्र तीन सप्ताह से ज्यादा का नहीं है. यह मात्र 3.67 अरब डॉलर का है. दूसरी तरफ बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 34 अरब डॉलर है. पाकिस्तान की आबादी की बात करें तो यह 225 लाख है जबकि बांग्लादेश की आबादी 166 लाख है. बांग्लादेश में जीवन प्रत्याशा 73 साल है जबकि पाकिस्तान में 67 साल है. बांग्लादेश में 96 फीसदी लोगों के घरों में बिजली है जबकि पाकिस्तान में यह आंकड़ा 75 फीसदी है।
इस बीच देखा जाए तो लंबे समय से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध बांग्लादेश के लिए आर्थिक मुश्किल खड़ी कर रहा है. बावजूद इसके वह इस संकट के दौर में भी अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से बेहतर आर्थिक स्थिति में बना है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि सन् 1990 के दशक में पाकिस्तान अपनी तुलना भारत से करता था।