दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद कांधलवी समेत सात लोगों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ लॉकडाउन के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन कर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
नोटिस में 26 सवाल पूछे गए हैं, जिसमें नाम, पता, संगठन का पंजीकरण विवरण, उसके पदाधिकारियों का विवरण, पिछले तीन वर्षों में मरकज द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न का विवरण, पैन नंबर, बैंक खाता संख्या और पिछले एक वर्ष के बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को साद और अन्य आरोपियों को पत्र लिखा और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत विवरण मांगा। अधिकारियों ने संगठन को परिसर में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के लिए पुलिस या किसी अन्य अधिकारियों से मांगी गई अनुमति की एक प्रति पेश करने के लिए भी कहा है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद से लापता चल रहे तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के भी कोराना वायरस को लेकर सुर बदल गए हैं। साद ने अब कोविड-19 के खिलाफ जंग में सरकार का पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। कोरोना के बावजूद लोगों से मस्जिद आने और इसे मरने के लिए सबसे बेहतर जगह बताने वाले मौलाना साद ने अब एक ऑडियो क्लिप जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने खुद को अलग-थलग (सेल्फ क्वारंटाइन) कर रखा है और दूसरे जमातियों से भी अपील की है कि डॉक्टरों और सरकार की सलाह मानें। डॉक्टरों की सलाह मानना शरियत के खिलाफ नहीं है।
मरकज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए ऑडियो क्लिप में साद ने कहा, ‘हमें भीड़ से बचना चाहिए और सरकार और कानून की ओर से जो कहा जाए उसका पालन करें। आप जहां हैं वहां खुद को क्वारंटाइन कर लें। यह इस्लाम या शरियत के खिलाफ नहीं है।’
माना जा रहा है कि साद दिल्ली में ही किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं। गुरुवार को सामने आए ऑडियो क्लिप में उन्होंने कहा, ‘मैं डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में सेल्फ क्वारंटाइन हूं। मैं सभी जमात से अपील करता हूं आप देश में जहां भी हैं कानून की ओर से बताए जा रहे निर्देशों का पालन करें।’
निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए थे 2361 लोग
ज्ञात हो कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को बुधवार को खाली कराकर यहां से कुल 2361 लोगों को निकाला गया था। इसके बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को बताया था कि निजामुद्दीन के आलमी मरकज में 36 घंटे का सघन अभियान चलाकर सुबह चार बजे पूरी बिल्डिंग को खाली करा लिया गया। इस इमारत में कुल 2361 लोग बाहर निकाले गए जिनमें से 617 को अस्पतालों में और बाकी को अलग-अलग क्वारंटीन में भर्ती कराया गया है। सिसोदिया ने लॉकडाउन में सभी से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि करीब 36 घंटे के इस अभियान में मेडिकल स्टाफ, प्रशासन, पुलिस और डीटीसी स्टाफ सबने मिलकर तथा अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। इन सबको दिल से सलाम। गौरतलब है कि निजामुद्दीन की तबलीगी मरकज में तबलीगी समाज का कार्यक्रम था जिसमें बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। बाद में यहां से लोग देश के विभिन्न राज्यों में गए जिससे कोरोना वायरस का संक्रमण बड़े पैमाने पर फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।