जींद जिले में करीब 8.5 करोड़ रुपये के पुराने नकली नोट बरामद, चार गिरफ्तार
जींद। हरियाणा के जींद जिले के हाडवा गांव में पूर्व सरपंच के घर से रविवार की देर रात आठ करोड़ 42 लाख 60 हजार रुपए के पुराने जाली नोट बरामद किये गये हैं और इस सिलिसले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन नोटों का सौदा 25 प्रतिशत पर किया गया था। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले सुनील नामक व्यक्ति ने पूर्व सरपंच के बेटे संजय को 20 करोड़ रुपये के पुराने नकली नोटों की आपूर्ति का आर्डर दिया था जिसमें से करीब साढे आठ करोड़ रुपये के जाली नोट छाप लिये गये थे और आपूर्ति के लिये इसे ले जाने से पहले पुलिस ने नकली पुराने नोटों को जब्त कर लिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके से गांव हाडवा निवासी संजय, गांव जयसिंहपुरा निवासी हरदीप, असंध निवासी भारत भूषण तथा गांव दुडाना निवासी मुसकीन को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि इन नोटों के बदले 25 प्रतिशत राशि के नये नोट मिलने थे। उन्होंने बताया कि छापेमारी कर बरामद की गयी पुरानी नकली नोट कलर प्रिंटेड है और इसे गिनने के लिए पुलिस को साढे सात घंटे लगे। उन्होंने बताया कि इसके लिये नोट गिनने वाली दो मशीनों का सहारा लिया गया।
उन्होंने बताया कि पकडे गए चारों लोगों समेत पांच के खिलाफ धोखाधडी, भारतीय करेंसी चिन्ह का दुरूपयोग करने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर अदालत में पेश किया जहां से अदालत ने चारों आरोपियों को दो दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
उन्होंने बताया कि हाडवा गांव निवासी संजय ने कलर प्रिंटर की सहायता से इन नोटों को घर पर ही छापा था। उन्होंने बताया कि रविवार शाम को पुलिस ने जब छापेमारी की तो प्रिंटेड कलर नकली करेंसी को बोरियों और कैरी बैग में भरकर पानीपत ले जाने की तैयारी थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने संजय के घर से आठ करोड़ 42 लाख 60 हजार रुपये की नकली प्रिंटेड पुरानी करेंसी बरामद की थी। जिसमे सात करोड 99 लाख 75 हजार रुपये के एक-एक हजार के नोट, जबकि 42 लाख 85 हजार रुपये के 500-500 के नोट थे।
पुलिस ने बताया कि नवम्बर माह से संजय कलर प्रिंटर की सहायता से पुराने नकली करेंसी को तैयार करने में लगा हुआ था। असंध में पैट्रोल पंप चलाने वाला भारत भूषण आरोपी संजय के संपर्क में था और उसने नकली पुराने नोटों को 25 प्रतिशत के हिसाब से नई करेंसी में तब्दील करने की सौदेबाजी पानीपत निवासी सुनील से करायी थी।
उन्होंने बताया कि हरदीप तथा मुसकीन दोनों भारत भूषण के पैट्रोल पंप पर सेल्समैन है। आरोपित सुनील ने आगे किसी पार्टी के साथ पुरानी नकली करेंसी को नई करेंसी में बदलने के लिए सौदेबाजी की थी।
पुलिस ने बताया कि संजय की मां वर्ष 2005 में गांव की सरपंच रही है जबकि संजय पशुओं का व्यापार करता था। साथ ही संजय के ऊपर कर्ज भी था जिसके बाद उसने नकली कलर प्रिंटेड पुरानी करेंसी को बनाने का कार्य शुरु कर दिया।