कहते हैं कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है। जैसे घर से ज्यादा समय तक बाहर रहना शारीरिक-मानसिक स्वास्थय के लिए अच्छा नहीं है,वैसे ही घर में ज्यादा समय तक रहने के भी कई साइड इफेक्ट्स हैं। फिलहाल, कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते घर में रहना सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स से इंकार नहीं किया जा सकता। कुछ लोगों में अकेले रहने की वजह से इन दिनों एंग्जायटी की समस्या बढ़ रही है, जिसे निपटना बेहद जरूरी है। आइए, जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें-
एंग्जायटी क्या है
एंग्जायटी यानी चिंता किसी को भी हो सकती है इसलिए इसे समझना जरूरी है। इसमें विचार जितनी तेजी से आते हैं उतनी ही तेजी से चले भी जाते हैं। सांसों की गति तेज होने लगती है, हाथ—पैरों में पसीना आता है और दिल तेजी से धड़कने लगता है। ऐसा अक्सर किसी एग्जाम के समय हो सकता है। नींद पूरी ना होने के कारण भी आपको एंग्जायटी हो सकती है। अगर सरल भाषा में समझा जाए तो एंग्जायटी उन विचारों से होती है जो निगेटिव होते हैं। एंग्जायटी के शिकार व्यक्ति अक्सर या तो बहुत ज्यादा बोलते है या बहुत ही शांत रहते हैं।
क्या है एंग्जायटी के लक्षण
दिल की धड़कनों का तेज होना या घबराहट महसूस होना तनाव होने के सबसे बड़े लक्षण हैं। जिसे अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं।
सिर दर्द होना होना आज के समय आम बात है, जिसके कई कारण हो सकते हैं, उनमें से एक तनाव भी है। जब हम दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर डालने लगते हैं तो सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है।
सांस फूलना भी एक गंभीर समस्या है, यह भी अधिक तनाव होने लक्षणों में से एक है।
जब हम अधिक स्ट्रेस लेते हैं तो घबराहट के कारण पसीना आने लगता है।
बेचैनी को अक्सर लोग हार्ट प्रॉब्लम से जोड़ते हैं, लेकिन यह भी तनाव होने के कारण होती है।
मांसपेशियों में तनाव होना यानी खिचाव महसूस होना।
हाथ-पैरों का ठंडा पड़ जाना।
कमजोरी और सुस्ती महसूस होना।
ज्यादातर शांत रहना और किसी से बात न करना।
चक्कर आना भी इसका एक लक्षण है।
नींद न आना, तनाव के दौरान यह भी एक समस्या होती है।
ऐसे निपटें
-सबसे पहले तो आप अपने दिनचर्या में कुछ ऐसे कामों को भी जरूर शामिल करें, जिन्हें करने पर आपको खुशी मिलती है। इससे आपका तनाव काफी हद तक कम होगा।
-अपनी नींद से समझौता न करें। यदि आप को तनाव के कारण नींद नहीं आ रही तो म्यूजिक सुनें। कई बार म्यूजिक सुनते-सुनते भी नींद आ जाती है।
-वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, तो बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें। इससे आपको थकावट नहीं होगी। कोशिश करें कि इस दौरान सिर्फ काम के बारे में सोझें।
-हैल्दी फूड खाएं, आपके खान-पान का भी आपके शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। जंक फूड के सेवन से बचें बल्कि वक्त मिले तो घर पर ही कुछ स्पेशल बना सकते है।
-अपने दोस्तों से बात करें। लॉकडाउन के समय में दोस्तों से मिलना, तो संभव नहीं है लेकिन फिर भी दोस्तों से फोन, मैसेज और वीडियो कॉलिंग के जरिए कनेक्ट रहें।
-अपनी हॉबी के लिए टाइम निकालें। अपना दिमाग किसी रचनात्मक काम में लगाएं।