योगी मंत्रिमंडल में इस बार बढ़ा बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व
झांसी, 25 मार्च। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में बुंदेलखंड क्षेत्र का प्रतिनिधित्व बढ़ा है। योगी सरकार में इस बार दो कैबिनेट मंत्री और दो राज्यमंत्री इस क्षेत्र से शामिल किये गये हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमितशाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री, अपने दूसरे कार्यकाल के लिये पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। उनके साथ 52 विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
क्षेत्रीय संतुलन की अगर बात की जाये तो इस बार बुंदेलखंड क्षेत्र से दो कैबिनेट मंत्री के रूप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और अपना दल (एस) के आशीष पटेल को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। स्वतंत्र देव सिंह और आशीष पटेल विधान परिषद सदस्य हैं। आशीष पटेल मूलत: चित्रकूट के रहने वाले हैं और झांसी स्थित बुंदेलखंड इंजीनियरिंग कॉलेज से शिक्षा प्राप्त हैं, लेकिन वह विधान परिषद में मिर्जापुर जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी प्रकार स्वतंत्र देव सिंह मूलत: मिर्जापुर जिले के निवासी हैं लेकिन बताैर संघ प्रचारक उनका कार्यक्षेत्र बुंदेलखंड रहा है। वह 2012 में जालौन जिले की माधौगढ़ सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का समाना करना पड़ा था। इनके अलावा ललितपुर जिले की महरौनी सीट पर एक लाख से अधिक मतों से जीत हासिल करने वाले मनोहर लाल मन्नू कोरी पर इस बार फिर भरोसा जताते हुए योगी सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। वह पिछली योगी सरकार में भी झांसी मंडल के एकमात्र मंत्री थे।
वहीं, बांदा जिले की तिंदवारी विधानसभा सीट से भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के रामकेश निषाद भी राज्यमंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में स्थान पाने में कामयाब रहे हैं। इस प्रकार बुंदेलखंड की 19 में से 17 सीटों पर भाजपा को आर्शीवाद देने वाली जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की दूसरी पारी में बुंदेलखंड के प्रतिनिधित्व को भी बढ़ाया है। पिछली विधानसभा में बुंदेलखंड की सभी 19 सीटें जीतने वाली भाजपा की सरकार में इस इलाके से योगी मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों को जगह मिल सकी है। राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व बढ़ने के साथ इस पिछड़े इलाके के लोगों को विकास की रफ्तार और तेज होने की उम्मीद जगी है।