निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के आयोजन में शामिल लोगों की तेलंगाना में कोरोना से एक के बाद एक मौतों ने कई राज्यों को चिंता में डाल दिया है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक कई राज्यों में यहां से लोग गए हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि देश के बड़े इलाके में सामुदायिक संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर नवल विक्रम का कहना है कि निजामुद्दीन इलाके में इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले दर्जनों लोग अबतक कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। तेलंगाना में इससे जुड़े छह लोग जान भी गंवा चुके हैं। यहां आए लोग तेलंगाना, यूपी, अंडमान तक गए हैं। ऐसे में ये किन साधनों से गए और कितनों के सपंर्क में आए, यह पता करना आसान नहीं होगा।
भारत में अब तक कोरोना के जितने मामले आए हैं, उनका स्रोत पता होने की वजह से निगरानी आसान था। अब जमात के हजारों लोग अलग-अलग राज्यों में पहुंच चुके हैं। ऐसे में खतरा बढ़ जाता है।
डॉक्टर नवल ने बताया कि कई शोध के मुताबिक, यह वायरस हवा में तीन घंटे तक रह सकता है और प्लास्टिक पर 72 घंटे तक जिंदा रह सकता है। कपबोर्ड पर यह 12 घंटे तक जीवित रह सकता है। यह तेजी से बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले सकता है। कोई संक्रमित व्यक्ति रेल, हवाई जहाज, बस या पानी के जहाज से गया होगा तो उसने कितने लोगों को संक्रमित किया होगा।
तबलीगी जमात आयोजन स्थल खाली, 36 घंटे में 2361 लोगों को गया निकाला
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि निजामुद्दीन (पश्चिम) के तबलीगी – ए- जमात के मरकज़ को पूरी तरह खाली करा लिया गया है। करीब 36 घंटे में वहां से 2,361 लोगों को निकाला गया है। सिसोदिया ने ट्वीट किया कि निजामुद्दीन मरकज़ से निकाले गए 2,361 लोगों में से 617 अस्पताल में भर्ती हैं और बाकियों को पृथक रखा गया है । उन्होंने ट्वीट किया है कि करीब 36 घंटे के इस आपरेशन में मेडिकल स्टाफ़, प्रशासन, पुलिस, डीटीसी स्टाफ़ सबने मिलकर, अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया । इन सबको दिल से सलाम। दिल्ली में मंगलवार को 23 लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 120 हो गई। दिल्ली के निजामुद्दीन (पश्चिम) में तबलीगी-जमात आयोजन में शामिल हुए अन्य 24 लोग भी कोरोना वायरय से संक्रमित पाए गए हैं।