Uttar Pradesh Election: उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान अब किसी भी वक्त हो सकता है। खबर है कि होम मिनिस्ट्री की ओर से शुक्रवार को यूपी में अर्धसैनिक बलों की 225 कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दे दी गई है। इन टुकड़ियों की तैनाती 10 से 20 जनवरी के बीच होगी। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव आयोग की ओर से तैयारियां पूरी हो गई हैं और अब किसी भी वक्त चुनाव का ऐलान कराया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि यूपी में 6 से 7 चरणों में चुनाव कराया जा सकता है। दरअसल चुनाव आयोग ने पिछले दिनों पांचों राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों से मुलाकात कर प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लिया था।
इसके अलावा हेल्थ सेक्रेटरी से वैक्सीनेशन की रिपोर्ट भी ली है। सभी राज्यों में वैक्सीनेशन का अभियान तेज करने की अपील भी आयोग ने की है ताकि चुनाव में कोरोना संक्रमण फैलने का रिस्क कम से कम रहे। यही नहीं चुनाव आयोग ने प्रचार पर पाबंदियों को लेकर भी कड़े फैसले लेने की तैयारी की है। चुनाव आयोग की क्या तैयारियां यह तो उसकी ओर से तारीखों के ऐलान के वक्त ही पता चलेगा, लेकिन कहा जा रहा है कि रैलियों पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। प्रचार अब ऑनलाइन मोड में ही करना होगा। उत्तराखंड सरकार ने 15 जनवरी तक सभी राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
यूपी अथवा पंजाब में अभी ऐसा कोई फैसला भले नहीं लिया गया है, लेकिन गतिविधियां कम जरूर हो गई हैं। दरअसल पश्चिम बंगाल में बीते साल दूसरी लहर के दौरान ही चुनाव प्रचार जोरों पर था। एक तरफ देश में पाबंदियों का दौर था तो वहीं बंगाल में भारी भीड़ के साथ रैलियों और रोड शो के आयोजन हो रहे थे। इसे लेकर चुनाव आयोग पर भी लोग सवाल उठा रहे थे। लेकिन इस बार आयोग ने चुनाव में कोई कसर न छोड़ने का फैसला लिया है।
सभी राजनीतिक दलों ने कहा था, चुनाव टाइम पर ही हों
यहां तक कि चुनाव समय पर ही कराए जाएं या फिर टाल दिया जाए। इस पर राय के लिए भी आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ मंथन किया था। इस मीटिंग में सभी दलों ने राय जताई थी कि इलेक्शन टाइम पर ही होना चाहिए। उसके बाद आयोग ने वैक्सीनेशन से लेकर प्रशासन तक की स्थिति का जायजा लिया और अब किसी भी वक्त चुनावी बिगुल बज सकता है।
बंगाल और बिहार से सख्त हो सकती हैं गाइडलाइंस
गुरुवार को चुनाव के बारे में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के साथ ही आयोग ने इन पांचों राज्यों के गृह और स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से भी बातचीत की। इन अफसरों से आयोग निरंतर संपर्क बनाए हुए है। राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अफसरों को अब चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार है। इन अफसरों को उम्मीद है कि आयोग बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर नयी गाइडलाइन जारी कर सकता है। पिछले साल पश्चिम बंगाल और बिहार विधान सभा चुनावों के लिए आयोग की ओर से जारी गाइन लाइन में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।