उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। यहां कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में जीवित महिला का ही नाम दर्ज कर दिया गया। इसके साथ ही शासन द्वारा दिए जा रहे ₹50000 के मुआवजे वाली पोर्टल पर महिला का नाम चढ़ा दिया। इस बात का खुलासा तभ हुआ जब जिले के कोरोना कंट्रोल रूम से मुआवजा देने के लिए कागजी कार्यवाई के लिए फोन किया गया तो उधर से महिला व उसके परिजनों ने स्वयं बताया कि वह जीवित है।
पीड़िता का कहना है कि मुझे दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण हुआ था और दस दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती थीं। बाद में उन्होंने मुझे छुट्टी दे दी और मेरा इलाज चल रहा था। महिला ने बताया, ‘मुझे अपनी मौत के बारे में तब पता चला जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों को सत्यापन के लिए बुलाया और मुआवजा लेने के लिए कहा। ‘ कुलश्रेष्ठ ने कहा, ‘हमें अपनी गलती का एहसास हुआ है और हमने सुधार कर लिया है। अब हमने उनका नाम मुआवजा सूची से हटा दिया है। ‘
कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, मामला तब सामने आया जब वर्तमान सीएमओ डॉ आनंद ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक पीड़ित परिवार के सदस्य को फोन करें और उन्हें संबंधित स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय से मुआवजे के रूप में 50,000 रुपये लेने के लिए कहें। बता दें कि जिले में कोरोना से मरने वालों की लिस्ट में 108 लोगों के नाम अंकित किए गए हैं।